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LokSabhaElections-2019 : दूसरे दौर में 66% वोटिंग, पहले चरण की तुलना में तीन प्रतिशत कम

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को 12 राज्यों की 95 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान का स्तर 66 प्रतिशत रहा. पहले चरण के मतदान की तुलना में यह तीन प्रतिशत कम रहा. उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया कि मतदान के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक दूसरे दौर […]

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को 12 राज्यों की 95 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान का स्तर 66 प्रतिशत रहा. पहले चरण के मतदान की तुलना में यह तीन प्रतिशत कम रहा.

उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया कि मतदान के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक दूसरे दौर में सर्वाधिक 78 प्रतिशत मतदान पुडुचेरी की एक लोकसभा पर रहा. उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले राज्यों में पुडुचेरी के अलावा पश्चिम बंगाल (76 प्रतिशत), मणिपुर (74.3 प्रतिशत), असम (73.32 प्रतिशत) और तमिलनाडु (72 प्रतिशत) शामिल हैं. ज्ञात हो कि पहले चरण में 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 97 सीटों पर 69.4 प्रतिशत मतदान हुआ था. दूसरे चरण में तमिलनाडु की 39 में से 38 सीटों पर मतदान हुआ. इस चरण में तमिलनाडु की वेल्लोर और त्रिपुरा की पूर्वी त्रिपुरा सीट पर मतदान स्थगित किया गया है. वहीं, कर्नाटक की 28 में से 14 सीटों पर 61.84 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र की दस सीटों पर 62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. उन्होंने बताया मतदान के ये अंतिम आंकड़े नहीं हैं. अभी तमाम लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है.

उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 69.62 प्रतिशत मतदान हुआ था. सिन्हा ने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार में दूसरे चरण में, पिछले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की तुलना में मतदान लगभग एक प्रतिशत बढ़ा है. जबकि, उड़ीसा में मतदान में गिरावट दर्ज की गयी है. आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शाम छह बजे तक उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर 62.3 प्रतिशत और बिहार की पांच सीटों पर 62.53 प्रतिशत मतदान हो चुका था.ओड़िशा की पांच लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर 76 प्रतिशत और जम्मू कश्मीर की दो सीटों (उधमपुर और श्रीनगर) पर सबसे कम 43.4 प्रतिशत मतदान हुआ. मतदान के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में शुमार छत्तीसगढ़ की तीन सीटों (राजनंदगांव, महासमंद और कांकेर) पर 71 प्रतिशत मतदान हुआ.

उन्होंने बताया कि ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर मामूली घटनाओं को छोड़कर सामान्य रूप से मतदान शांतिपूर्ण रहा. मतदान के दौरान तीन मतदान कर्मियों और एक मतदाता की मौत की जानकारी मिली है. इनमें एक मतदान अधिकारी की ओड़िशा में दिल का दौरा पड़ने से मौत की घटना शामिल है. इसके अलावा मणिपुर में ईवीएम क्षतिग्रस्त किये जाने का भी मामला सामने आया है. उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण के मतदान वाली सीटों पर सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होना था. कुछ सीटों पर शाम छह और कुछ पर सात बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया था. सिन्हा ने बताया कि दूसरे चरण का मतदान पूरा होने तक 14 राज्यों की सभी सीटों पर मतदान हो चुका है. इस चरण में ओड़िशा की 35 विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुआ. इसके अलावा तमिलनाडु में 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोट डाले गये. मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों पर 1.45 प्रतिशत वीवीपेट मशीनें बदलनी पड़ीं.

उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर पूरे उत्साह से मतदान हुआ. शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण माहौल के बीच करीब 62.30 फीसदी वोट पड़े. प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चंद्र राय ने बताया कि दूसरे चरण में राज्य की आठ सीटों नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा तथा फतेहपुर के लिए शाम छह बजे तक औसतन 62.30 फीसदी मतदान हुआ. उन्होंने बताया कि शाम छह बजे तक नगीना में 62.10 फीसदी, अमरोहा में 68.77, बुलंदशहर में 62.14, अलीगढ़ में 62.80, हाथरस में 61.25, मथुरा में 60.56, आगरा में 59.60 और फतेहपुर सीकरी में 61.16 फीसदी वोट पड़े. मतदान के दौरान कई स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के कारण मतदान बाधित होने की खबरें मिलीं. बुलंदशहर में कई स्थानों पर जबकि अलीगढ़ और नगीना में भी कुछ जगहों पर ऐसी शिकायतें सामने आयीं, हालांकि चुनाव आयोग ने इनकी पुष्टि नहीं की.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में कई जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में खराबी आने पर चिंता जाहिर की. अखिलेश ने ईवीएम पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि लोग कई बार टेक्नालाजी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.। इस बारे में आयोग और सरकार को भरेासा दिलाना चाहिए. सपा, बसपा समेत कई दल उच्चतम न्यायालय तक अपना पक्ष रख चुके हैं. सचाई यह है कि दुनिया में पहले जहां भी ईवीएम से मतदान होता था, वहां अब मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. उधर, बिजनौर जिले के गज्जूपुरा गांव में बूथ नहीं बनाये जाने से नाराज स्थानीय लोगों ने गुरुवार को मतदान से इंकार कर दिया हालांकि बाद में स्थानीय प्रशासन के समझाने-बुझाने पर लोग वोट डालने पर राजी हो गये.

बिजनौर के जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि गज्जूपुरा में मतदाताओं की संख्या 300 से कम है और चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत यहां के बूथ को दो किलोमीटर के दायरे में स्थित बूथ में ही शामिल कर दिया गया था. नियम के मुताबिक 300 से कम मतदाताओं वाले बूथ को उससे बड़े बूथ के साथ जोड़ा जा सकता है बशर्ते दोनों को मिलाने पर मतदाताओं की कुल संख्या 1400 से ज्यादा नहीं हो. उन्होंने यह भी कहा कि गज्जूपुरा में मतदाताओं की संख्या बमुश्किल 200 है. उनके द्वारा बहिष्कार की खबर मिलने पर संबंधित उप जिलाधिकारी को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने लोगों को समझाया-बुझाया. इसके बाद वे मतदान को तैयार हो गये. उनमें से कुछ तो पहले ही वोट डाल आये थे.

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