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HRD मंत्री ने की घोषणा- प्रो फिरोज BHU के संस्कृत विभाग में ही हैं और संस्कृत ही पढ़ायेंगे

नयी दिल्ली : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्त को लेकर जारी विवाद पर विराम लगाने का प्रयास करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि प्रोफेसर फिरोज खान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में ही हैं और संस्कृत ही पढ़ायेंगे. लोकसभा में केंद्रीय […]

नयी दिल्ली : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्त को लेकर जारी विवाद पर विराम लगाने का प्रयास करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि प्रोफेसर फिरोज खान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में ही हैं और संस्कृत ही पढ़ायेंगे.

लोकसभा में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा के दौरान द्रमुक के ए राजा, कांग्रेस के बेनी बहनान और बसपा के कुंवर दानिश अली आदि सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया. इस पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, प्रोफेसर फिरोज संस्कृत विभाग में ही हैं. वहीं हैं. वहीं रहेंगे. और संस्कृत ही पढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि यह चर्चा संस्कृत भाषा पर नहीं चल रही है, बल्कि संस्कृत संपदा से जुड़ी है. निशंक ने कहा कि पूरी दुनिया जिस ज्ञान और विज्ञान को संस्कृत के ग्रंथों से निकाल रही है जिसमें खगोल शास्त्र, चरक संहित, सुश्रुत संहिता आदि शामिल हैं, ये भी विषय आते हैं. गौरतलब है कि बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय संबंधी विभाग में सहायक प्रोफेसर के तौर पर फिरोज खान की नियुक्ति का छात्रों का एक वर्ग विरोध कर रहे था जिसके कारण विवाद खड़ा हो गया था.

इससे पहले निचले सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान द्रमुक के ए राजा ने आरोप लगाया कि इस विधेयक में सरकार की छिपी हुई मंशा है और इसमें संस्कृत के माध्यम से विज्ञान की शिक्षा की बात कही गयी है जिससे अचंभा होता है. उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा के सदस्य संस्कृत को देवभाषा होने की बात करते हैं, लेकिन क्या यह केवल हिंदुओं की भाषा है? ऐसा है तो हम इस बात को स्वीकार नहीं करते.

कांग्रेस के बेनी बहनान ने संस्कृत विश्वविद्यालय के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि हमें धर्म और भाषा को नहीं मिलाना चाहिए. उन्होंने भी बीएचयू के संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रोफसर को अंतत: इस्तीफा देना पड़ा. बसपा के दानिश अली ने कहा कि हमारे देश में मिलीजुली संस्कृति है, लेकिन राजनीति के कारण इसे खत्म किया जा रहा है. उन्होंने भी बीएचयू में संस्कृत विभाग में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति से जुड़े विवाद का मुद्दा उठाया. दानिश अली ने आरोप लगाया कि फिरोज को संस्कृत नहीं पढ़ाने दी जा रही है.

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