By Prabhat Khabar | Updated Date: Feb 11 2019 7:37PM
नयी दिल्ली : राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी जुर्माने से जुड़े अहम प्रावधानों को हटाने का दावा करनेवाली खबर की पृष्टभूमि में कांग्रेस ने इस सौदे में धन की लेन-देन होने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच आवश्यक है.
पार्टी ने यह भी सवाल किया कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधानों को हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे? कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू' की एक खबर की पृष्ठभूमि में संवाददाताओं से कहा, हम सवाल पूछना चाहते हैं कि सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधानों को क्यों हटाया? इसका जवाब यही है कि ऐसा इसलिए किया गया कि क्योंकि इस सौदे में भ्रष्टाचार है. उन्होंने कहा, इस सौदे से जुड़े सभी घटनाक्रमों को देखेंगे तो पता चलेगा कि दसाल्ट (राफेल विमान निर्माता कंपनी) इस सौदे में हावी रही है. प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया है. तिवारी ने दावा किया, सामने आये तथ्यों से साफ है कि इस सौदे में किसी ने पैसा दिया है और किसी ने पैसा लिया है. इसलिए जेपीसी जांच की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, अगर कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) पिछले छह महीनों में सामने अाये तथ्यों को संज्ञान में नहीं लेता है तो फिर उसकी रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं रह जायेगा. इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, मोदी जी, राफेल सौदे में सरकारी गारंटी माफ करने के बाद आपने भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान में भी छूट दे दी. आखिर आप कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे? पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने जितना सोचा नहीं था, उससे ज्यादा तेजी से राफेल सौदे में खुलासे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले कीमत बढ़ायी गयी, फिर यह खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत करके भारतीय वार्ता दल के प्रयासों को कमजोर किया. अब यह खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया के प्रावधानों में बदलाव किये गये.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दसाल्ट को इस सौदे में फायदा ही फायदा हुआ है. गौरतलब है कि अखबार की खबर में कहा गया है कि फ्रांस के साथ इस सौदे के समझौते पर हस्ताक्षर करने से चंद दिन पहले ही सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ अर्थदंड से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था. कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लंबे समय से लगा रही है, हालांकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज किया है.