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राकेश मारिया ने आतंकी ”कसाब” पर किया खुलासा तो जानें आपस में क्यों भिड़ी बीजेपी-कांग्रेस

नयी दिल्ली: हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में सनसनीखेज खुलासा किया. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ ने आतंकी अजमल आमिर कसाब को हिन्दू दिखाने की कोशिश की थी. राकेश मारिया द्वारा अपनी किताब में अजमल कसाब के बारे […]

नयी दिल्ली: हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में सनसनीखेज खुलासा किया. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ ने आतंकी अजमल आमिर कसाब को हिन्दू दिखाने की कोशिश की थी. राकेश मारिया द्वारा अपनी किताब में अजमल कसाब के बारे में किए गए खुलासों के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हो गयी है. दोनों ओर से नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है.

बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने उठाए सवाल

राकेश मारिया के खुलासे के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गयी थी क्योंकि कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था. इस संबंध में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राकेश मारिया के अजमल को लेकर खुलासे के बाद हम कांग्रेस के हिन्दू आतंकवाद के विचार और लश्कर एवं आईएसआई की मुंबई हमले की रणनीति के बीच एक संबंध देख सकते हैं.

BJP leader GVL Narasimha Rao: We can see a connection emerging between Congress’ idea of Hindu terror and LeT & ISI’s 26/11 strategy.Was someone from India helping ISI as handler to give terrorists Hindu identity?Was Digvijaya Singh working as handler?Congress should answer this. pic.twitter.com/cjOb3VQn8N

— ANI (@ANI) February 19, 2020

उन्होंने कहा कि, क्या भारत का कोई नागरिक आईएसआई को आतंकवादियों को हिन्दू पहचान दिलाने में मदद कर रहा था? क्या दिग्विजय सिंह इसके सूत्रधार के रूप में काम कर रहे थे? जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि कांग्रेस को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

बीजेपी के आरोपों पर अधीर रंजन चौधरी का जवाब

बता दें कि इस संबंध में कुछ साल पहले एक किताब मुंबई हमलों पर एक किताब लॉंच की गयी थी. अब इस मामले में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि उस समय इस शब्द के इस्तेमाल करने के पीछे अलग पृष्ठभूमि थी. उस समय मक्का मस्जिद में धमाका हुआ था और प्रज्ञा ठाकुर सहित हिन्दू संगठन से कुछ लोगों को मालेगांव विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था.

Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury: Terrorists always camouflage. They do not carry out attacks with their actual identity. It was the UPA government which revealed everything about the attack. Ajmal Kasab was later hanged during UPA rule. (2/2) https://t.co/RT9AZzbyKB

— ANI (@ANI) February 19, 2020

अधीर रंजन ने ये भी कहा कि आतंकी हमेशा दोहरा रवैया अपनाते हैं और छलावा करते हैं. वे आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते वक्त अपनी पहचान छुपाते हैं. अधीर रंजन ने कहा कि मुंबई हमलों के वक्त वो यूपीए की ही सरकार थी जिसने हमले से जुड़ी सारी बातें सार्वजनिक की थी. बाद में हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गयी थी.

लूटपाट के इरादे से आतंकी बना था अजमल कसाब

राकेश मारिया ने ये भी खुलासा किया कि अजमल कसाब को मुंबई हमले से पहले एक हफ्त की छुट्टी और सवा लाख रूपये दिए गए थे. उस पैसे को उसने अपने परिवार को दिया था ताकि उसकी बहन की शादी धूमधाम से की जा सके. मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने अपनी किताब में ये भी बताया कि, कसाब को पाकिस्तान से ये बताकर भेजा गया था कि भारत में सारे मस्जिद बंद हैं और यहां किसी को भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है. लेकिन जब भारत में उसने लोगों को आराम से नमाज पढ़ते देखा तो हैरान रह गया था.

साथियों की लाशें देख उल्टियां कर रहा था कसाब

पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में ये भी खुलासा किया कि कसाब को जब हमले में मारे गए 160 लोगों की लाशें दिखाई गयीं तो उसके होश उड़ गए थे. मुर्दाघर में अपने मारे गए साथियों की लाश देख कर कसाब उल्टियां करने लगा था. राकेश मारिया ने लिखा है कि, हालांकि कसाब ने कभी भी अपने किए पर पछतावा जाहिर नहीं किया.

राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में लिखा है कि उन्होंने कसाब को गिरफ्तार करके ले जाते वक्त रास्ते में उतारा. उसे जमीन में घुटनों को बल बिठाकर माथा टेक कर भारत माता की जय का नारा लगवाया था.

ISI की कोशिश कसाब को हिन्दू दिखाने की थी

राकेश मारिया ने ये भी खुलासा किया है कि आतंकी अजमल आमिर कसाब दरअसल, लूटपाट करके पैसा कमाने की नीयत से लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा था. जिहाद के वास्तविक उद्देश्य से उसका कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने लिखा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने फर्जी हिन्दू नामों वाली आईडी के साथ दस आतंकियों को समुद्र के रास्ते भारत भेजा था.

राकेश मारिया का दावा है कि, आईएसआई की कोशिश थी कि सभी आतंकी इसी हिन्दू पहचान के साथ मारे जाएं. आईएसआई, मुंबई हमले को हिन्दू संगठनों द्वारा किया गया हमला साबित करना चाहती थी. पकड़े गए आतंकी कसाब के हाथ में भगवा धागा बांधा हुआ था. आईएसआई की योजना सफल नहीं हो पायी क्योंकि कसाब जिंदा पकड़ा गया था.

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