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बालाकोट एयर स्ट्राइक पर बड़ा खुलासा, वायु सेना के अभियान का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’

नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना ने इसी साल फरवरी में पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. इस सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में विरोधी दलों ने भी सवाल खड़े किये. चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया गया. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी […]

नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना ने इसी साल फरवरी में पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. इस सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में विरोधी दलों ने भी सवाल खड़े किये. चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया गया. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना की ओर से की गयी इस कार्रवाई के बारे में अब जाकर एक नया खुलासा हुआ है. पता चला है कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किये गये इस ऑपरेशन का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’.

ऐसा माना जा रहा है कि रामायण के पात्र ‘हनुमान’ के नाम पर इस ऑपरेशन का नाम ‘बंदर’ रखा गया था. जिस तरह हनुमान ने लंका में घुसकर रावण की लंका को जलाकर तबाह कर दिया था, वैसे ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बम फोड़े थे.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस साल फरवरी में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बेहद गोपनीय तरीके से एयर स्ट्राइक की गयी थी. ‘ऑपरेशन बंदर’ इतना गोपनीय था कि पाकिस्तान को उस समय तक इसकी भनक नहीं लगी, जब तक कि भारतीय वायुसेना के मिराज विमान अपने मिशन को अंजाम देकर भारतीय क्षेत्र में लौट नहीं आये.

पाकिस्तान को इसकी जानकारी मिलते ही वह बौखला गया. पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में हवाई हमला किया, तो भारतीय वायुसेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया. इसी दौरान वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया. हालांकि, इस दौरान ही भारतीय वायुसेना का विमान मिग-21 हादसे का शिकार हो गया और इसको उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पकड़ लिये गये.

पाकिस्तानियों ने विंग कमांडर अभिनंदन हमला कर दिया और फिर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया. हालांकि, भारत के दबाव के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा और विंग कमांडर अभिनंदन को ससम्मान रिहा करना पड़ा था. संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र किया.

उन्होंने कहा था कि भारत ने पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके अपने इरादे और क्षमता का परिचय दिया है. साथ ही राष्ट्रपति ने यह कहा था कि भविष्य में भी देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाये जायेंगे.

मिराज-2000 फाइटर जेट ने किये थे हमले

वायु सेना ने 12 मिराज-2000 फाइटर जेट को पाकिस्तान के बालाकोट में हमले के लिए भेजा था. हमले में जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 250 से अधिक आतंकवादी इस हमले में मारे गये थे. सूत्रों की मानें, तो 26 फरवरी को 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी. ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाये.

वायुसेना ने बालाकोट में गिराये 5 स्पाइस 2000 बम

भारतीय वायु सेना के पायलट्स ने बालाकोट के आतंकी ठिकानों पर 5 स्पाइस 2000 बम फेंके थे. 4 बम उन भवनों पर गिरे थे, जहां आतंकी सो रहे थे. तड़के 3:30 बजे आतंकियों पर हमला करने के बाद भारतीय जेट विमान अपने एयरबेस पर सुरक्षित लौट आये. जिस समय मिराज अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहे थे, उसी दौरान कुछ मिराज और सुखोई पाकिस्तान वायु सेना का ध्यान भटका रहे थे. यही वजह रही कि पाकिस्तान कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाया.

स्टैंडबाय पर थी गरुड़ कमांडोकी एक टीम

वायु सेना ने सरकार को बताया कि 80 प्रतिशत बम ने अपने टार्गेट को हिट किया. इससे आतंकी ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा. भारतीय वायु सेना ने गरुड़ कमांडो की एक टीम को स्टैंडबाय पर रखा था, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटा जा सके.

इन स्क्वाड्रन के विमानों का हुआ इस्तेमाल

हमले में भारतीय वायु सेना के नंबर 7 और नंबर 9 स्क्वाड्रन के विमानों का इस्तेमाल किया गया था. इसमें गैर-अपग्रेडेड विमानों को शामिल किया गया, क्योंकि नंबर 1 स्क्वाड्रन के अपग्रेडेड मिराज में उस समय हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता नहीं थी. ऑपरेशन को स्वदेशी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW &CS) प्लेन नेत्रा (NETRA) द्वारा सपोर्ट किया गया था.

भारत की युद्ध संस्कृति में बंदरों का विशेष स्थान

वरिष्ठ रक्षा सूत्रों ने इस नाम के पीछे किसी विशेष वजह के बारे में बहुत विस्तार से नहीं बताया, लेकिन कहा कि बंदरों का भारत की युद्ध संस्कृति में विशेष स्थान रहा है. महाकाव्य रामायण में भगवान राम के लेफ्टिनेंट हनुमान ने चुपचाप लंका में प्रवेश किया और राक्षस रावण की पूरी राजधानी को नष्ट कर दिया.

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