नयी दिल्ली : बालाकोट हवाई हमले को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. टाइम्स नाउ ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के समय वहां 263 आतंकी एकत्रित हुए थे. सूत्रों के हवाले से टाइम्स नाउ ने खबर दी है कि इंडियन एयर फोर्स की स्ट्राइक से पहले यहां ट्रेनिंग के लिए काफी आतंकी पहुंचे थे. जिस वक्त भारत के द्वारा कार्रवाई की गयी, उस समय जैश-ए-मोहम्मद के करीब सभी आतंकी और कमांडरों मोबाइल फोन से अपने पास रखे हुए थे.
नैशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी एनटीआरओ आतंकियों के मोबाइल के सिग्नल को बारीकी से ट्रेस करने का काम कर रहा था. इस हमले के बाद सभी मोबाइल सिग्नल अचानक गायब हो गये थे. बताया जा रहा है कि वायुसेना के द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित जैश के आतंकी ठिकानों पर हमला करने से पांच दिन पूर्व से निगरानी की जा रही थी.
हमले के दौरान चार मिसाइलों से टेरर कैंप को टारगेट बनाया गया था. टाइम्स नाउ की रिपोर्ट का मानें तो जैश के बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में 18 सीनियर कमांडर भी उस वक्त मौजूद थे. यहां दौरा-ए खास यानी उन्नत प्रशिक्षण के तहत 91 आतंकी, दौरा-ए-आम यानी सामान्य प्रशिक्षण के तहत 83, दौरा-ए-मुतालह के तहत 30 और 25 आतंकियों को आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा था.
इनके अलावा भी कैंप में कई लोग मौजूद थे जैंसे नाई, कुकिंग स्टाफ आदि. खबरों की मानें तो यहां एक मार्च से आतंकियों को ट्रेनिंग दिया जाना था. रिपोर्ट की मानें तो जैश को इस हमले से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.