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जमीन विवाद में पुलिस की लापरवाही से हुई थी शिक्षक की हत्या

अमन तिवारी, रांची : जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओबरिया रोड निवासी शिक्षक हरि शंकर हरीश साहू की 28 फरवरी को जमीन विवाद में ओबरिया रोड स्थित सूर्या नगर में मारपीट और हमला कर हत्या कर दी गयी थी. घटना के दौरान उनकी पत्नी पर भी हमला किया गया था. हत्या से पहले जमीन विवाद को […]

अमन तिवारी, रांची : जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओबरिया रोड निवासी शिक्षक हरि शंकर हरीश साहू की 28 फरवरी को जमीन विवाद में ओबरिया रोड स्थित सूर्या नगर में मारपीट और हमला कर हत्या कर दी गयी थी. घटना के दौरान उनकी पत्नी पर भी हमला किया गया था. हत्या से पहले जमीन विवाद को लेकर हरि शंकर हरीश साहू ने कई बार जगन्नाथपुर थाना में आवेदन देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि हत्या से एक दिन पहले भी वे जगन्नाथपुर थाना गये थे.

इसके बाद भी पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की. इस तरह पुलिस की लापरवाही के कारण पहले से चिह्नित उनके रिश्तेदारों ने उनकी हत्या कर दी. हत्या की घटना के बाद अब पुलिस अधिकारी केस के अनुसंधान में भी लापरवाही बरत रहे हैं और कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
मृतक की बेटी बैंक अधिकारी प्रीति प्रियंका भी कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अफसरों से गुहार लगा चुकी है, लेकिन नतीजा शून्य है. मामले में पुलिस की ओर से पक्ष लेने के लिए सिटी एसपी सुजाता कुमारी वीणापाणि से फोन पर संपर्क किया गया. उन्हें मैसेज भी भेजा गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया. इस वजह से पुलिस का पक्ष नहीं मिल पाया.
13 आरोपियों पर दर्ज हुआ केस, सुपरविजन में छह लोग दोषी : हत्या की घटना को लेकर हरि शंकर हरीश साहू की पत्नी विभा देवी की शिकायत पर 28 फरवरी को जगन्नाथपुर थाना में केस दर्ज किया था. उन्होंने 13 लोगों पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया था, जिसमें बलराम साहू, भवानी प्रताप साहू, विक्रम साहू, रंजीत साहू, तारामणि देवी, माही देवी, पंकज साहू, भैरव साहू, किरण देवी, घनश्याम साहू, रानी देवी, बलराम साहू के दामाद औेेेेेर बाल किशोर साहू का नाम शामिल है. केस की सुपरविजन रिपोर्ट हटिया डीएसपी ने 17 मार्च को जारी की थी, जिसमें बलरामू साहू, भवानी प्रताप साहू, विक्रम साहू, रंजीत साहू, तारामणि साहू और पंकज साहू को दोषी पाया गया.
अन्य लोगों की संलिप्तता को जांच में डाल दिया गया. वार्ड नंबर 52 के पार्षद से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट में लिखा कि पार्षद ने बताया है कि भैरव साहू व किरण देवी घटना स्थल पर नहीं थे. वहीं, दूसरी ओर घनश्याम साहू हटिया डीआरएम कार्यालय में ड्यूटी में तैनात था. बलराम साहू के दामाद और बहनोई रातू मांडर में थे. जबकि माही देवी गर्भवती है और रानी देवी घटना स्थल पर नहीं थी.
केस में पार्षद से पूछताछ के आधार पर सभी की संलिप्तता को जांच में डाल दिया गया. जबकि घटना के चश्मदीद गवाह के बयान पर ध्यान नहीं दिया गया. पुलिस केस में पूर्व में तीन लोग तारामणि देवी, भवानी प्रताप साहू और पंकज साहू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज चुकी है. लेकिन दोषी पाये गये तीन आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार तक नहीं किया गया.
पुलिस के अनुसंधान पर उठ रहे हैं सवाल
क्या पुलिस सुपरविजन रिपोर्ट बिना आरोपियों के सत्यापन और जांच के ही निकाल देती है ?
पुलिस पर आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर क्या कोई दबाव है या इसके पीछे कोई दूसरी वजह ?
पुलिस घटना में चश्मदीद के बयान के अलावा दूसरे लोगों के बयान को अधिक महत्व देती है क्या ?
हरि शंकर हरीश साहू ने पुलिस को कब-कब दिया था आवेदन
हत्या से पहले हरि शंकर हरीश साहू ने 01 जनवरी 2018, 17 जुलाई 2018, 23 जुलाई 2018, 24 नवंबर 2018, 10 अक्तूबर 2018, 03 अगस्त 2018, 27 अप्रैल 2018, 05 मई 2018, 09 अप्रैल 2018 को पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया था.
हत्या के मामले में पुलिस शुरू से लापरवाही बरत रही है. घटना के पहले मेरे पिता ने शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद मेरे पिता की हत्या हो गयी. मैं सिटी एसपी से लेकर अन्य अफसरों से मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर मिल चुकी हूं. तब मुझे सिटी एसपी ने कहा था कि जो घटना के दौरान उपस्थित थे, वही गिरफ्तार होंगे. अभी मामले की जांच चल रही है.
प्रीति प्रियंका, अधिकारी (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया)

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