उसका दिमाग अच्छा होने के कारण तीन महीने की ट्रेनिंग उसने एक महीने 20 दिन में ही पूरी कर ली थी. इसके बाद वह दूसरों को बांग्लादेश में अपने संगठन के लिए ट्रेनिंग देने लगा था. अब तक उसने कुल 26 टीम के सदस्यों को आतंकी गतिविधियों के बारे में ट्रेनिंग दी है. उसने यह भी कहा कि ट्रेनिंग में किसी जगह में जाकर किस तरह वहां की रेकी करनी है, क्या-क्या जानकारियां जुटानी है, किन-किन स्थान पर प्रमुखता से ध्यान देना है, इन सभी के बारे में विस्तार से ट्रेनिंग दी थी.
यही नहीं, उन 26 सदस्यों में से 17 सदस्यों को हैंड ग्रेनेड, आइइडी व सर्किट बम बनाने की ट्रेनिंग भी विस्तार से दिया था. किस तरह से केमिकल्स के मिश्रण से शक्तिशाली विस्फोटक बनाया जा सकता है, इस बारे में भी शमशाद ने सदस्यों को ट्रेनिंग दी है. समय-समय पर वह बम बनाने व रेकी करने के बारे में नयी जानकारियां जुटाने के लिए किताबें भी पढ़ा करता था. वही किताबें पुलिस ने उसके पास से जब्त की है. एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ की हिरासत में रहने के दौरान ज्यादा से ज्यादा जानकारियां इनसे निकाला जा सके, इस बारे में कोशिश जारी है.