33.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रांची : आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की पर आरोप गठन, बंधु ने आरोपों से किया इनकार

रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में बुधवार को पूर्व मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप गठन किया गया. बंधु तिर्की आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी हैं. आरोप गठन के समय वे अदालत में उपस्थित थे. न्यायाधीश ने बंधु को उन पर लगे आरोप पढ़कर सुनाये. बंधु ने खुद को […]

रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में बुधवार को पूर्व मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप गठन किया गया. बंधु तिर्की आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी हैं. आरोप गठन के समय वे अदालत में उपस्थित थे. न्यायाधीश ने बंधु को उन पर लगे आरोप पढ़कर सुनाये.
बंधु ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों से इंकार किया है. अदालत ने मामले में गवाही के लिए 30 जनवरी की तिथि निर्धारित की है. इससे पूर्व आज बंधु तिर्की की अोर से दायर डिसचार्ज पिटीशन पर भी सुनवाई पूरी हो गयी. सुनवाई के बाद अदालत ने डिसचार्ज पिटीशन खारिज कर दिया.
बंधु पर छह लाख 28 हजार रुपये अधिक अर्जित करने का है आरोप
बंधु तिर्की के खिलाफ आय से छह लाख 28 हजार रुपये अधिक अर्जित करने का आरोप है. उन्हें सीबीआइ की टीम ने बनहौरा स्थित आवास से दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया था. सीबीआइ ने बंधु तिर्की के खिलाफ कोड़ा कांड में 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.
सीबीआइ ने इस मामले की जांच के बाद कोर्ट में वर्ष 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था. इसमें सीबीआइ ने कहा था कि वर्ष 2005-09 तक की अवधि में आरोपी ने पब्लिक सर्वेंट के रूप में काम किया था.
इस अवधि में सभी स्रोत से उनकी आय 20 लाख रुपये है जबकि उनकी संपत्ति 26.28 लाख रुपये पायी गयी अर्थात अभियुक्त के पास आय से अधिक छह लाख 26 हजार 697 रुपये है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राशि कम होने की वजह से सीबीआइ अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने के पक्ष में नहीं है.
सीबीआइ के तत्कालीन न्यायाधीश ने क्लोजर रिपोर्ट पर विचार करने के बाद स्वीकार कर दिया था. अदालत ने सीबीआइ की रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज किया कि आरोपी के पास अपनी आमदनी के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक राशि है
इसलिए उसके खिलाफ ट्रायल चलेगा. इसके बाद अदालत ने बंधु के खिलाफ समन जारी करते हुए उसे न्यायालय में हाजिर होने को कहा. बंधु ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां मामला लंबित था.
हाइकोर्ट में मामला लंबे समय से लंबित रहने की वजह से सक्षम न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आलोक में न्यायिक प्रक्रिया शुरू की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी मामले के छह माह से अधिक समय तक लंबित रहने पर सक्षम न्यायालय न्यायिक प्रक्रिया शुरू कर सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें