36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

गैंगरेप मामले में सिलीगुड़ी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, रहम की अपील खारिज, दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा

सिलीगुड़ी : विकृत हो रहे समाज को बचाने के लिए सिलीगुड़ी अदालत ने एतिहासिक फैसला दिया है. बीते तीन वर्षों से विचाराधीन गैंगरेप के एक मामले में गुरूवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया. एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट(फर्स्ट) के न्यायाधीश देवप्रसाद नाथ ने अपराधियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके […]

सिलीगुड़ी : विकृत हो रहे समाज को बचाने के लिए सिलीगुड़ी अदालत ने एतिहासिक फैसला दिया है. बीते तीन वर्षों से विचाराधीन गैंगरेप के एक मामले में गुरूवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया. एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट(फर्स्ट) के न्यायाधीश देवप्रसाद नाथ ने अपराधियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
इसके अतिरिक्त अदालत ने अपराधियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की रकम अदा नहीं किये जाने पर छह महीने अधिक कारावास की सजा का निर्देश दिया है. अदालत के इस फैसले से पीड़िता व उसका परिवार संतुष्ट है.
गैंगरेप की यह घटना साढ़े तीन वर्ष पहले सिलीगुड़ी शहर से सटे खोड़ीबाड़ी थाना अंतर्गत इलाके में घटी थी. वर्ष 2015 के 14 फरवरी को पीड़िता ने खोड़ीबाड़ी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. तब से विचाराधीन इस मामले में गुरूवार को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट (फर्स्ट) ने फैसला सुना दिया है. गैंगरेप करने वाले अपराधी दीपक भगत व संजय केरकेट्टा को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
हांलाकि वचाव पक्ष ने अदालत से रहम बरतने की गुहार लगायी, लेकिन मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात का हवाला देते हुए अदालत ने अपराधियों पर रहम बरतने से इनकार कर दिया. बल्कि अपराधियों पर एक-एक लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जायेगी.
यह थी घटना
मिली जानकारी के अनुसार वारदात की रात पीड़िता अपने किसी रिस्तेदार के घर आयोजित विवाह कार्यक्रम से लौट रही थी. दोनों आरोपी सड़क किनारे झाड़ी में छिपे थे. रात के समय सुनसान सड़क का फायदा उठाकर दोनों युवती को कंधे पर लेकर जबरन पास के ही नदी किनारे ले गये. जहां उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के बाद युवती को जान से मारने की भी कोशिश की गयी. उसी क्रम में युवती एक अपराधी के हाथ पर दांत काटकर भाग निकली.
नदी किनारे ही एक झाड़ी में उसने रात गुजारी और अगली सुबह घर पहुंची. जिस्म के साथ उसकी मानसिकता को तार-तार करने वाली इस घटना की कहानी पीड़िता ने अपने परिवार वालों को न बताकर सहेली को बताया. सहेली ने उसे आपराधियों के खिलाफ कदम उठाने को प्रेरित किया. घटना जानने के बाद पीड़िता के परिवार वालों ने भी उसका साथ दिया और 14 फरवरी 2015 को खोड़ीबाड़ी थाने में गैंगरेप का मामला दर्ज कराया.
मामला दर्ज होने के अगले दिन ही पुलिस ने दोनों अपराधी को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. तब से लेकर आज तक दोनों अपराधी न्यायिक हिरासत में ही थे.
सजा पर बहस
गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों में खोड़ीबाड़ी थाना पुलिस ने जांच पूरी कर भारतीय दंड विधान की धारा 376 डी के तहत चार्जशीट अदालत में दाखिल किया. तीन वर्षों तक मामला विचाराधीन रहने के बाद बीते बुधवार को अपराध साबित हुआ. अपराध साबित करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से 11 गवाह और 32 सबूत अदालत में पेश किये गये. अपराधियों ने अदालत से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए वे एकलौते ही हैं. परिवार में माता-पिता के साथ पत्नी व बच्चे भी है.
बचाव पक्ष ने अपराधियों की आर्थिक व पारिवारिक स्थिति का हवाला देते हुए रहम की अपील की. जबकि सरकारी पक्ष के वकील पियूष कांति घोष ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत में कहा कि भारतीय दंड विधान की धारा 376 को संशोधित किया गया है. इन दोनों अपराधियों पर 376 डी धारा लगाया गया है. इसके तहत अपराधी को कम से कम 20 साल व अधिकतम आजीवन सश्रम कारावास का प्रावधान है.
अपराध का चरित्र, अपराधियों की मानसिकता को ध्यान में रखकर सजा का निर्णय अदालत पर छोड़ा गया है. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी कई सजा का उल्लेख करते हुए कहा कि हत्या में अपराधी मानव शरीर पर वार करते हैं. लेकिन दुष्कर्म व गैंगरेप जैसे अमानविक अपराध में अपराधी पीड़िता के जिस्म के साथ उसकी मानसिकता, इच्छा व भविष्य पर भी आघात करता है. इसलिए अपराधियों पर रहम बरतने का प्रश्न ही नहीं होना चाहिए. बल्कि कड़ी सजा देकर विकृत हो रहे समाज को भी नसीहत देनी चाहिए.
अदालत का निर्देश
दोनों पक्षों की दलील व अपराधियों की गुहार सुनने से बाद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट (फर्स्ट) के न्यायाधीश देवप्रसाद नाथ ने सरकारी पक्ष की दलील पर सहमति जताते हुए कहा कि इस तरह की घटना समाज व मानवता को शर्मसार करती है. यह घटना पीड़िता के शरीर, उसकी मानसिकता, उसका भविष्य के साथ-साथ उसके परिवार पर भी आघात करती है.
इसलिए सुनवायी में पेश किये गये गवाह व सबूतों के मद्देनजर गैंगरेप का अपराध दीपक भगत व संजय केरकेट्टा पर प्रमाणति हुआ है. दोनों अपराधी को आजीवन सश्रम कारावास के साथ एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनायी जाती है. जुर्माने की रकम पीड़िता को मुहैया करायी जायेगी. जुर्माने की रकम अदा नहीं किये जाने की स्थिति में अपराधियों को छह महीने और कारावास की सजा होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें