27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Air India की हिस्सेदारी बिक्री पर एक ही दिन में सरकार ने लिया यू-टर्न

नयी दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री को लेकर एक ही दिन में सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. मंगलवार को मीडिया में आयी खबरों में इस बात का जिक्र किया गया था कि एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री कोशिश में असफल होने के बाद सरकार […]

नयी दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री को लेकर एक ही दिन में सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. मंगलवार को मीडिया में आयी खबरों में इस बात का जिक्र किया गया था कि एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री कोशिश में असफल होने के बाद सरकार ने इसे बेचने का मन बदल लिया है. अब बुधवार को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री जयंत सिन्हा ने जारी एक बयान में कहा है कि एयर इंडिया में विनिवेश को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है.

इसे भी पढ़ें : अब चुनावी साल में नहीं बिकेगी एयर इंडिया, सरकार मुहैया कराएगी ऑपरेशनल फंड

केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया की प्रस्तावित रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री के लिए कोई बोली नहीं मिलने के बाद एयरलाइन का निदेशक मंडल एक योजना पर काम कर रहा है और स्थिति की समीक्षा की जा रही है. हालांकि, सिन्हा ने कहा कि एयरलाइन में 76 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है.

प्रस्तावित योजना के तहत सरकार का इरादा एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी और कम लागत वाली इकाई एयर इंडिया की सौ फीसदी हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का इरादा था. एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड सिंगापुर एसएटीएस के साथ समान भागीदारी वाला उपक्रम है.

इससे पहले मंगलवार को एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि सकार ने एयर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी बेचने की योजना अब छोड़ दी है, क्योंकि चुनावी साल में घाटे में चल रही एयरलाइन के निजीकरण के लिए यह सही समय नहीं है. मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बात कही गयी थी कि सरकारी विमानन कपंनी एयर इंडिया के 76 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री की सरकारी कोशिश विफल होने के बाद अब सरकार ने इससे अपना मन बदल लिया है.

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तय किया है कि चुनावी साल में इसे नहीं बेचा जायेगा और इस महाराजा के नाम से पहचानी जानी वाली इस कंपनी के संचालन के लिए ऑपरेशनल फंड मुहैया करायेगी. सरकार ने पूर्व में कंपनी की 76 फीसदी हिस्सेदारी कर्ज चुकाने व अन्य उद्देश्यों के लिए बेचने का निर्णय लिया था, लेकिन घाटे में चल रही इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने किसी ने बोली नहीं लगायी. ऐसे में सरकार को इस पर आगे का फैसला लेना था.

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने वित्तमंत्री मंत्री पीयूष गोयल, उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिसमें अब इसकी हिस्सेदारी नहीं बेचने का निर्णय लिया गया. एक वरीय अधिकारी के अनुसार, एयरलाइन का ऑपरेशन मुनाफा दे रहा है, कोई फ्लाइट खाली नहीं जाती, सभी तरह के खर्च सुव्यवस्थित हैं, ऐसे में इसकी हिस्सेदारी बेचने की अब जरूरत नहीं है.

मंगलवार की खबर में इस बात का जिक्र किया गया था कि अब सरकार इस कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने से पहले यह प्रयास करेगी कि यह मुनाफे में आ जाये. सेबी के नियमों के अनुसार, किसी कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने के लिए अंतिम तीन साल में उसे मुनाफे में दिखाना होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें