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सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचाव

कुमार आशीषएसपी, किशनगंजsp-kishanganj-bih@nic.in बहुधा हमारे थानों और तकनीकी शाखा के ऑफिस में ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें युवा लड़की के फेसबुक प्रोफाइल को उसके ही परिचित पुरुष मित्र या किसी अनजान द्वारा हैक कर लिया जाता है तथा उस हैक्ड प्रोफाइल से उसके सगे-संबंधियों को अश्लील संदेश भेजे जाते हैं. या, उस लड़की की अंतरंग […]

कुमार आशीष
एसपी, किशनगंज
sp-kishanganj-bih@nic.in

बहुधा हमारे थानों और तकनीकी शाखा के ऑफिस में ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें युवा लड़की के फेसबुक प्रोफाइल को उसके ही परिचित पुरुष मित्र या किसी अनजान द्वारा हैक कर लिया जाता है तथा उस हैक्ड प्रोफाइल से उसके सगे-संबंधियों को अश्लील संदेश भेजे जाते हैं. या, उस लड़की की अंतरंग तस्वीरें वायरल कर दी जाती हैं या करने की धमकी के बदले उससे यौनाचार किया जाता है.
ऐसी घटनाएं नितांत ही निंदनीय हैं, कानूनन जुर्म हैं, जिनके लिए कठोरतम सजा का भी प्रावधान है. सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती थीं? जी हां, बिलकुल! बस थोड़ी सी सावधानी सभी बेटियों-बहनों-माताओं को दिखानी होगी.
अपने सोशल मीडिया की आइडी तथा पासवर्ड किसी भी व्यक्ति से शेयर ना करें. लगातार अंतराल पर उसे बदलते रहें. जाने-पहचाने और अनुमान लगाने लायक पासवर्ड (जैसे मां-पिता के नाम, भाई-दोस्तों के नाम, अपना घरेलू नाम, गांव- सड़क-गेम, जन्मदिवस, पसंदीदा हीरो-हीरोइन इत्यादि के नाम) कदापि ना रखें.
फेसबुक पर मित्रों की संख्या सीमित रखें, अनजान व्यक्तियों को बिलकुल ना जोड़ें, ना ही उनके फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करें. अपनी अंतरंग तस्वीरें भूलकर भी सोशल मीडिया पर अपलोड ना करें, लाइक्स और कमेंट्स के चक्कर में ना पड़ें, ये सिर्फ वर्चुअल वर्ल्ड है, मिथ्या है, दिखावा है, इन सबमें सच्चाई की बहुत कम ही गुंजाइश होती है.
इन सावधानियों के बाद भी अगर किसी के साथ ऐसी घटना हो गयी हो, तो तुरंत नजदीकी थाने में संपर्क करें, किसी के धमकी-झांसे-प्रलोभन या प्रताड़ना में ना आयें. इस संदर्भ में सरकार ने नियम-कानून बहुत सख्त बना रखे हैं, जिनका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर अवश्य करना चाहिए. परंतु कुछ सावधानियाें को जानना आवश्यक है, ताकि समय रहते उनका उपयोग किया जा सके.
आज सोशल मीडिया लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है. अगर आप किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो अपनी सुरक्षा के लिए इन सुझावों का अवश्य पालन करें.
कभी भी सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे अपनी निजी जानकारी जैसे जन्मदिन, फोन नंबर, पता, ऑफिस का नाम-पता आदि को अपलोड न करें. अगर अपलोड कर रहे हैं, तो उसकी सेटिंग पब्लिक (अर्थात अवेलेबल टू ऑल) कभी ना करें. आप अपनी निजी जानकारियों के लिए इनका प्रयोग कर सकते हैं. अपनी निजी सूचनाएं कभी भी पब्लिक ना करें. अन्यथा कोई अनजान आपके निजी जीवन में खलल डाल सकता है. अपनी फ्रेंड लिस्ट में कभी भी अनजान लोगों को स्वीकार ना करें.
अनजान लोगों के मैसेज का कोई जवाब न दें, क्योंकि रिप्लाई मिलने से ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ता है और वे चैट के माध्यम से आपकी जानकारियां पाकर आपको परेशान कर सकते हैं. अगर कोई ज्यादा परेशान कर रहा है, तो उसे ब्लॉक कर दें. किसी ब्लैकमेलिंग जैसी स्थिति में अपने बड़ों को बताएं और पुलिस में शिकायत करें.
आजकल सोशल मीडिया पर छद्म प्रोफाइल बनाकर दूसरों को बेवकूफ बनाने का चलन भी है. लड़कियों के नाम, चर्चित फिल्मी हस्तियों की तस्वीरों आदि से फेक प्रोफाइल बनाकर लड़कों के साथ चैट कर उन्हें बेवकूफ बनाने का किस्सा तो बहुत पुराना है.
आजकल महिला अधिकारियों के नाम और फोटो के साथ फेक आइडी बनाने का चलन भी जोरों पर हैं. ऐसे में कभी भी किसी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से या अंजान लोगों से चैट करने से बचें. सोशल मीडिया दूर रहनेवाले अपनों से जुड़ने के लिए है.
यहां अंजान लोगों में अपनापन ढूंढने की कोशिश न ही करें. अगर आपके पास किसी सिविल सेवा अधिकारी या अन्य किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम की प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है, तो उसे स्वीकार न करें. सोचिए कि कोई प्रसिद्ध व्यक्ति फेसबुक पर सर्च करके आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों भेजेगा?
प्रायः कई युवा अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ते हैं. अक्सर ऐसे पेजों के माध्यम से वे नये विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी में मदद करते हैं. अगर आपने ऐसे पेजों को लाइक या फॉलो किया है, तो यह अच्छी बात है.
लेकिन आप यह उम्मीद मत पालिए कि आप अगर ऐसे पेजों पर कोई मैसेज करते हैं, तो वे अधिकारी उसका जवाब भी देंगे. ऐसे पेजों पर बहुत बड़ी संख्या में मैसेज आ जाते हैं और कार्यरत अधिकारियों के पास सबका जवाब देने का समय बिलकुल नहीं होता. मान लीजिए कि आपने ऐसे किसी पेज पर अपनी कोई बात या समस्या पूछी और आपको उस अधिकारी ने जवाब दिया.
अगर बातें सीमित हैं तथा सभ्यता और औपचारिकता के दायरे में हैं, तो ठीक है. लेकिन, जैसे ही आपको लगे कि सामने वाला व्यक्ति निजी चैटिंग में ज्यादा सक्रिय हो रहा है, तो तत्काल उस पेज या आइडी को ब्लॉक करिए. वह फेक ही है. क्योंकि यह निर्विवाद सत्य है कि कोई भी युवा अधिकारी अपने पद, प्रतिष्ठा और सोशल रेप्युटेशन को दांव पर लगाकर कभी भी ऑनलाइन मैसेज या चैट में निजी बातें नहीं करेगा.
हालांकि, उपरोक्त सभी टिप्स अपने आप में संपूर्ण नहीं हैं, मगर इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने सोशल मीडिया या डिजिटल वर्ल्ड को थोड़ा ज्यादा सुरक्षित बना पायेंगे और ऑनलाइन धोखाधड़ी से खुद को बचा पायेंगे. अनुरोध है कि आप स्वयं भी इन सावधानियों का पालन करें और लोगों तक भी जागरूकता फैलाएं.

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