बीजिंग : चीन ने बेल्ट एवं रोड फोरम (बीआरएफ) की दूसरी के बहिष्कार करने की कथित योजना को लेकर आयी रिपोर्टों पर दबी प्रतिक्रिया करते हुए केवल इतना कहा है कि भारत ने एक क्षेत्र एक सड़क पहल (बीआरआई) को गलत समझा है और उसे ऐसा फैसला लेने से पहले इंतजार करना चाहिए का सुझाव दिया है.
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनिपंग ने 2013 में सत्ता में आने के बाद अरबों डॉलर की इस परियोजना की शरुआत की थी. यह परियोजना दक्षिणपूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को सड़क एवं समुद्र मार्ग से जोड़ेगी. बीआरएफ की दूसरी बैठक 25 से 27 अप्रैल तक होने की संभावना है. चीन ने कहा कि 100 देशों के प्रतिनिधियों समेत दिग्गज नेताओं ने बैठक में शामिल होने की सहमति जतायी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि एक क्षेत्र एक सड़क पहल आर्थिक सहयोग परियोजना है और इसमें क्षेत्रीय विवाद शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि बीआरआई में शामिल नहीं होने की भारत की टिप्पणी के विभिन्न कारण है. मैं कहना चाहता हूं कि बीआरआई एक खुली एवं समावेशी आर्थिक सहयोग पहल है. इसमें क्षेत्रीय और समुद्री विवाद की जगह नहीं है.
भारत के बैठक के बहिष्कार की योजना पर कांग ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत इस बारे में ज्यादा अच्छा जवाब दे सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बीआरआई पर कुछ पक्षों को गलतफहमी हो सकती है और इस तरह कुछ गलत निर्णय हो सकते हैं. चीन साझा लाभ के लिए सहयोग और परामर्श के सिद्धांत पर चलता है और यह सिद्धांत नहीं बदलेगा.