मुंबई: हिंदी फिल्म जगत में महिला प्रधान फिल्में फल-फूल रही हैं, लेकिन काजोल का कहना है कि एक अभिनेत्री के तौर पर वह खुद को सिर्फ एक शैली तक सीमित नहीं करना चाहतीं. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘ऐसी कई फिल्में आप तक पहुंच रही हैं, जिनमें मुख्य किरदार एक महिला को दिमाग में रखकर लिखा गया है. इसमें यह भी बात है कि आप ऐसी फिल्म करना चाहते हैं या नहीं. मैं सिर्फ एक ही किस्म की फिल्म नहीं करना चाहती. मैं सब कुछ करना चाहती हूं.’
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उन्होंने कहा, ‘अच्छी सामग्री बहुत कम लिखी जा रही है. मेरा मानना है कि यह तथ्य है कि आप तक जो पहुंच रहा है, उनमें ज्यादा पटकथाएं अच्छी नहीं हैं. असल में आमतौर पर अच्छी पटकथाएं लिखी ही नहीं जा रही हैं.’ काजोल की आखिरी फिल्म वर्ष 2015 में आयी ‘दिलवाले’ थी.
अभिनेत्री अपनी अगली फिल्म ‘हेलीकॉप्टर इला’ की रिलीज को लेकर उत्साहित हैं. फिल्म में वह एक सिंगल मदर का किरदार निभा रही हैं. प्रदीप सरकार निर्देशित इस फिल्म में बच्चों की परवरिश और पीढ़ियों के बीच के अंतराल का मुद्दा उठाया गया है. फिल्म इस पर भी बात करती है कि ‘बतौर महिला हम कौन हैं’.
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काजोल ने कहा कि एक मां होने के नाते ऐसे भी पल आये हैं, जब निजी तौर पर मैंने कई चीजें छोड़ दीं, क्योंकि मैं अपने बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी को पूरा करने में मशगूल थी. उन्होंने कहा, ‘एक बीवी और एक मां होने के नाते हमारी शख्सीयत के कई हिस्से मद्धम पड़ने लगते हैं, वे कहीं खो जाते हैं, हमें कुर्बानी देनी पड़ती है. न्यासा के जन्म के दो या तीन साल बाद मैं कभी बैठी नहीं और कई साल मैंने संगीत तक नहीं सुना, क्योंकि मेरे पास इन सबके लिए समय ही नहीं था.’
काजोल ने कहा, ‘मैं और अजय हमदोनों का यह मानना है कि अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करें. हमलोग अपने बच्चों से बात करते हैं और उन्हें भी खुद को जताने के लिए कहते हैं.’ अभिनेत्री को विश्वास है कि सात सितंबर को रिलीज हो रही ‘हेलीकॉप्टर इला’ दर्शकों से जुड़ पायेगी.