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ममता को घर में ही मात देने की तैयारी में भाजपा

कोलकाता : लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बाकी है. सभी दल अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट गये हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दो साल बाद राज्य में विधानसभा का चुनाव है‍. लिहाजा सभी पक्षों की ओर से तैयारी जोरों पर है. तृणमूल कांग्रेस जहां भाजपा को मुख्य विपक्ष मानते हुए उसके […]

कोलकाता : लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बाकी है. सभी दल अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट गये हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दो साल बाद राज्य में विधानसभा का चुनाव है‍. लिहाजा सभी पक्षों की ओर से तैयारी जोरों पर है. तृणमूल कांग्रेस जहां भाजपा को मुख्य विपक्ष मानते हुए उसके खाते में गयी दार्जिलिंग और आसनसोल की लोकसभा सीट को छीनने की रणनीति बना रही है तो भाजपा ममता के गढ़ भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र तृणमूल कांग्रेस को हराने की रणनीति बना रही है.
इस काम को अमलीजाना पहनाने के लिए भाजपा के महासचिव संजय सिंह रणनीति बना रहे हैं. फिलहाल वह डेंगू की चपेट में हैं और स्वास्थ लाभ कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि 2011 में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनने के बाद दक्षिण कोलकाता में लोकसभा का उपचुनाव हुआ. उस वक्त ममता बनर्जी ने अपने खास सिपहसलार सुब्रत बख्शी को मैदान में उतारा था. उस वक्त विपक्ष के रूप में ऋतव्रत बंद्योपाध्याय माकपा की ओर से मैदान में उतरे थे. चुनाव में जीत सुब्रत बख्शी की हुई.
उनको कुल पांच लाख 16 हजार 761 वोट मिले थे. जबकि ऋतव्रत को दो लाख 86 हजार 662 वोट मिले थे. सुब्रत बख्शी को 62.70 फीसदी वोट मिले तो वाममोर्चा को 34.78 वोट मिला था. भवानीपुर विधानसभा केंद्र में कोलकाता नगर निगम का वार्ड नंबर 63, 70, 71, 72, 73, 74, 77 व 82 नंबर वार्ड आता है. साल 2014 में लोकसभा का चुनाव हुआ तो उस वक्त वार्ड नंबर 63, 70, 71 ,72, 72 वार्ड में भाजपा के तृणमूल कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले.
लोकसभा चुनाव में भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस को भाजपा से 196 वोट कम मिले, लेकिन 2016 में जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो ममता बनर्जी फिर इस केंद्र से उम्मीदवार बनी और जीती. इस बार ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नी दीपा दासमु‍ंशी को मैदान में उतारा था.
वह दूसरे स्थान पर रही. जबकि नेताजी के प्रपौत्र और भाजपा के मौजूदा सांसद चंद्र कुमार बोस तीसरे स्थान पर रहे. ममता बनर्जी को कुल 65 हजार 520 वोट मिले थे, जबकि दीपा दासमुंशी को 40 हजार 209 वोट मिले थे. जबकि चंद्र बसु को 26 हजार 299 वोट मिले थे. ममता को 47.67 फीसदी, कांग्रेस को 29.26 फीसदी और भाजपा 19.26 फीसदी वोट मिले.
ऐसे में भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में बढ़त बना कर ममता बनर्जी को मात देना चाहती है. इस क्षेत्र में गैर बांग्लाभाषी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. इसके अलावा यहां पर तृणमूल कांग्रेस के अंदर गुटबाजी भी चरम पर है. भाजपा सभी पहलुओं को टटोल रही है. इस केंद्र से तृणमूल कांग्रेस की साख टिकी है. लिहाजा वह भी पूरे दमखम के साथ मैदान में है.
ममता बनर्जी के भाई व कोलकाता विवेक के चेयरमैन कार्तिक बनर्जी इस सिलसिले में प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि 2014 में मोदी हवा थी. इस बार उनके खिलाफ लहर है. लोग ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. उस वक्त जहां तृणमूल कांग्रेस का नतीजा खराब हुआ था. साल 2016 में उन जगहों पर परिणाम सकारात्मक हुए. लिहाजा चिंता का कोई कारण नहीं है. लोग पूरी तरह ममता बनर्जी के साथ हैं.
इस बाबत मुकुल राय का कहना है कि भाजपा 2014 में भवानीपुर में आगे थी. इस बार जीतेगी, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री की नीतियों से लोग आजिज आ गये हैं. यहां पर बगैर नजराना दिये कोई काम नहीं होता. लिहाजा लोग तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं.

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