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बीरभूम में बम बांधने के दौरान हुए विस्फोट व आपसी संघर्ष में सात की मौत

कोलकाता : बीरभूम जिले के लाभपुर के दरवारपुर में बालू खादान व इलाके पर कब्जा को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम आठ लोगों की मौत तथा कई लोगों की घायल होने की सूचना है. पूरे इलाके में तनाव है, हालांकि पुलिस का कहना है कि बम बनाते समय विस्फोट में लोगों की मौत […]

कोलकाता : बीरभूम जिले के लाभपुर के दरवारपुर में बालू खादान व इलाके पर कब्जा को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम आठ लोगों की मौत तथा कई लोगों की घायल होने की सूचना है. पूरे इलाके में तनाव है, हालांकि पुलिस का कहना है कि बम बनाते समय विस्फोट में लोगों की मौत हुई है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार लाभपुर स्थित दाड़का स्कूल के सामने दोनों गुटों के बीच जम कर बमबाजी हुई. स्कूल के सामने भी बम फेंका गया. इससे स्कूल के छात्र व शिक्षक आतंकित हो गये और स्कूल को बंद कर दिया गया और बच्चों को घर भेज दिया गया.

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बम विस्फोट से चार की मौत

सूचना के अनुसार बमबाजी व संघर्ष से मौत के अतिरित्त बम बनाते समय विस्फोट से चार लोगों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार शुक्रवार की दोपहर को एक मकान में विस्फोट हुआ. विस्फोट में चार लोगों की मौत हुई है तथा लगभग पांच व्यक्ति घायल हैं. जबकि आपसी संघर्ष में चार लोगों की मौत की सूचना है.

गांव के एक निवासी ने बताया कि बम विस्फोट से घर की छत उड़ गयी तथा कमरे के चारों ओर मृतक शरीर के टुकड़े बिखरे पड़े हैं. उन्होंने कहा कि मृतकों में कुछ अज्ञात लोग भी हैं. पिछले कुछ दिनों से घर में कुछ अज्ञात युवक रह रहे थे. ये लोग संघर्ष के दौरान बम इस्तेमाल करने के लिए बम बना रहे थे.

तृणमूल कांग्रेस के गुटों में गुटबाजी का आरोप

विरोधी दलों ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी को संघर्ष का कारण बताया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि यह संघर्ष बालू खादान पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की दखल को लेकर हुई है. हालांकि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अरुण चक्रवर्ती व बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि कि तृणमूल समर्थकों के बीच संघर्ष की कोई घटना नहीं घटी है.

70 करोड़ रुपये का है बालू का कारोबार

विरोधी दल के नेताओं का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच गुटबाजी के अतिरिक्त बीरभूम में लगभग 70 करोड़ रुपये का बालू का कारोबार है. इस कारोबार पर दखल को लेकर यह संघर्ष की घटना घटी है. जिले के ज्यादातर बालू खादान पर तृणमूल नेताओं का ही कब्जा है. हालांकि राज्य का नियम है कि नदी के पांच किलोमीटर तक बालू खादान नहीं किया जा सकता है, लेकिन बालू माफिया इन नियमों का पालन नहीं करते हैं.

बालू के हैं 80 अवैध खादान

बीरभूम जिले में लगभग बालू के 80 अवैध खादान हैं. इनमें से 30 मयूराक्षी नदी के किनारे तथा 25 अजय नदी के किनारे हैं. बीरभूम से कोलकाता. दुर्गापुर, आसनसोल व अन्य स्थानों पर बालू की तस्करी होती हैं, जिनका इस्तेमाल रियल इस्टेट के लिए किया जाता है.

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