केंद्र सरकार के सभी सरकारी कर्मचारियों के ग्रेच्युटी व पेंशन में समयानुसार वृद्धि की जाती है, लेकिन बैंक कर्मियों के पेंशन व ग्रेच्युटी के सीलिंग में वृद्धि नहीं की गयी. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण, बैंकों के विलय, नोटबंदी के समय अधिक समय तक काम करने के बावजूद आेवर टाइम का रुपया नहीं मिलने सहित अन्य मांगों को लेकर बैंक एसोसिएशन ने यह हड़ताल बुलायी थी.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की नीति अब देश के सार्वजनिक क्षेत्र की मुनाफा कमानेवाले बैंकों का निजीकरण करना है. इस ओर केंद्र तेजी से आगे बढ़ रहा है. इससे देश की अर्थ-व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है. साथ ही केंद्र सरकार जिस प्रकार से विभिन्न बैंकों का आपस में विलय कर रही है, इससे बैंक की शाखाओं की संख्या कम होती जायेगी, जिसके फलस्वरूप लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इस मौके पर पश्चिम बंगाल सर्किल के एनसीबीई के अध्यक्ष राजेश सिंह, ईसीबी के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ खान सहित अन्य उपस्थित रहे.