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103 युद्धपोत की आपूर्ति करनेवाली पहली भारतीय शिपयार्ड है जीआरएसई

कोलकाता : रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ युद्धपोत निर्माण करने वाली कंपनी गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा भारतीय नौसेना को एलसीयू एल -57 (यार्ड 2098) की आपूर्ति की गयी. भारतीय नौसेना को दिये जाने वाले आठ जहाजों की श्रृंखला में यह सातवां जहाज है. बताया गया है कि यह वर्ष 1960 में स्थापना के बाद […]

कोलकाता : रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ युद्धपोत निर्माण करने वाली कंपनी गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा भारतीय नौसेना को एलसीयू एल -57 (यार्ड 2098) की आपूर्ति की गयी. भारतीय नौसेना को दिये जाने वाले आठ जहाजों की श्रृंखला में यह सातवां जहाज है. बताया गया है कि यह वर्ष 1960 में स्थापना के बाद से अब तक जीआरएसई द्वारा निर्मित और वितरित 103वां युद्धपोत है.

आपूर्ति और स्वीकृति के प्रोटोकॉल पर रियर एडमिरल वीके सक्सेना, आइएन (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, जीआरएसई और पोत के कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट कमांडर वी हर्षवर्धन ने हस्ताक्षर किये. इस मौके पर कमोडोर डीके मुरली, सीएसओ (टेक), मुख्यालय, अध्यक्ष डी -448, एसएस डोगरा, निदेशक (वित्त), कमांडेंट संजीव नैय्यर, आइएन(सेवानिवृत्त), निदेशक (जहाज निर्माण) और कमांडेंट पीआर हरि, निदेशक (कार्मिक) के साथ जीआरएसई और भारतीय नौसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

जीआरएसई की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, एलसीयू एमके-IV जहाज एक एम्फीबियस शिप है, जिसकी प्राथमिक भूमिका शिप से किनारे तक युद्धक टैंकों, बख्तरबंद वाहन, सेना और उपकरण का परिवहन और तैनाती करना है. अंडमान व निकोबार कमान में स्थित ये जहाज बीचिंग ऑपरेशंस, खोज और बचाव, आपदा राहत संचालन, आपूर्ति और दूर के द्वीपों से प्रतिकर्षण और निकासी जैसी बहुद्देश्यीय गतिविधियों के लिये तैनात किये जा सकते हैं.

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