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जेइइ में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव के विरोध में तृणमूल ने निकालीं रैलियां

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जेइइ (मुख्य) परीक्षा के आयोजन में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को राज्य भर में रैलियां निकालीं. हालांकि, उन इलाकों में प्रदर्शन नहीं किया गया, जो चक्रवात ‘बुलबुल’ से प्रभावित हैं. वहां पार्टी के कार्यकर्ता […]

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जेइइ (मुख्य) परीक्षा के आयोजन में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को राज्य भर में रैलियां निकालीं.

हालांकि, उन इलाकों में प्रदर्शन नहीं किया गया, जो चक्रवात ‘बुलबुल’ से प्रभावित हैं. वहां पार्टी के कार्यकर्ता राहत कार्यों में लगे हैं. पोस्टर और तख्तियां लिए हुए टीएमसी समर्थकों ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सभी ब्लॉकों और जिलों में रैलियां निकालीं.
उन्होंने मांग की कि जेइइ (मुख्य) परीक्षा के लिए भाषा के तौर पर बांग्ला को भी शामिल किया जाये. मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गत सप्ताह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर 11 नवंबर को पूरे पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन करेगी. टीएमसी नेतृत्व ने सोमवार को मध्य कोलकाता के मेयो रोड इलाके में एक बड़ी रैली भी आयोजित की.
इस अवसर पर सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की मांग है कि क्षेत्रीय भाषा में भी जेइइ की परीक्षा आयोजित की जाये, लेकिन केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव कर रही है. राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने भी केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से बंगाल के साथ पक्षपात है. केंद्र सरकार को तत्काल अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
टीएमसी सुप्रीमो ने जेइइ (मुख्य) परीक्षा में केवल गुजराती भाषा को शामिल किये जाने को लेकर केंद्र पर हमलावर रुख अपना रखा है. उन्होंने कहा कि उनके मन में गुजराती भाषा के लिए कोई द्वेष नहीं है, लेकिन अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि इस फैसले पर राज्यों की राय नहीं ली गयी. हालांकि, यह परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस आरोप को खारिज कर दिया.
शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहा राज्य : सीएम
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में बंगाल लगातार प्रगति कर रहा है. मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर पर ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘आज मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन है. यह दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. उनके सम्मान में वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का नामकरण किया गया है.’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले आठ वर्षों में बंगाल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति पर काफी जोर दिया है. वर्ष 2011 में जहां राज्य विश्वविद्यालयों की संख्या 12 थी, वहीं अब यह बढ़ कर 30 हो गयी है. इनमें 10 निजी विश्वविद्यालय हैं. आठ नये सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय बनाये जा रहे हैं.

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