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जादवपुर विश्वविद्यालय में बवाल: राज्यपाल ने कहा- बिगड़ गये थे हालात, जरूरी हो गया था जाना

विश्वविद्यालय में बवाल. विज्ञप्ति देकरपुलिस, प्रशासन और तृणमूल महासचिव पर साधा निशानाजेयू को लेकर दूसरे दिन भी जारी रहा घमसानकोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) जाने और केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो को वहां से निकालने के कदम को सही ठहराया है. शुक्रवार को उन्होंने […]

विश्वविद्यालय में बवाल. विज्ञप्ति देकर
पुलिस, प्रशासन और तृणमूल महासचिव पर साधा निशाना
जेयू को लेकर दूसरे दिन भी जारी रहा घमसान
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) जाने और केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो को वहां से निकालने के कदम को सही ठहराया है. शुक्रवार को उन्होंने कहा : मैंने इंतजार किया कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य सरकार कदम उठायेगी, लेकिन स्थिति नहीं बदली.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुझे वहां जाना पड़ा. शुक्रवार को राजभवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में राज्यपाल ने तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी के उस बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण व गलत बताया, जिसमें उन्होंने राज्यपाल के प्रदेश सरकार को जानकारी दिये बिना विश्वविद्यालय का दौरा करने की बात कही थी. श्री चटर्जी ने राज्यपाल पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उठाया कदम
:राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जाना इसलिए अनिवार्य हो गया था, क्योंकि वाइस चांसलर व प्रो वाइस चांसलर, दोनों ही विश्वविद्यालय से चले गये थे और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का आंदोलनकारी विद्यार्थियों/लोगों द्वारा घेराव जारी था. स्थिति की गंभीरता और बतौर चांसलर (कुलाधिपति) व विद्यार्थियों के अभिभावक होने के नाते उन्होंने शिक्षा व संस्थान के हित में वहां जाकर विद्यार्थियों से बात करने का फैसला किया.

मुख्यमंत्री को जानकारी दी थी :
विश्वविद्यालय के दौरे से पहले, राज्यपाल ने विवाद को समाप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास किये थे. उन्होंने पुलिस महानिदेशक व मुख्य सचिव से भी इस मुद्दे पर बात की थी. आखिरी कदम के रूप में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी घटना की जानकारी दी थी, जो उस दौरान दिल्ली में थीं. उन्होंने मुख्यमंत्री को स्थिति की गंभीरता और उसके परिणामों से अवगत कराया. राजभवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दोनों व्यक्तियों के बीच टेलीफोन पर कई बार बातचीत हुई थी और वह इस बातचीत का खुलासा नहीं करना चाहते थे. उन्होंने वहां जाने का फैसला तब किया, जब उन्होंने देखा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है. चांसलर व राज्यपाल होने के नाते उन्होंने विश्वविद्यालय का दौरा करना उचित समझा व सभी संबंधित संस्थानों को इस बारे में अवगत कराया. श्री धनखड़ के मुताबिक यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तृणमूल के महासचिव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्यपाल ने सरकार को इस बाबत सूचना नहीं दी व विश्वविद्यालय जाने से पहले सरकार को विश्वास में नहीं लिया.

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