कोलकाता : शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में राज्य के शिक्षा विभाग ने एक कार्यक्रम आयोजित किया. माैके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बच्चों का भविष्य बनाने में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका है. अपने बच्चों को स्कूल भेज कर माता-पिता भी आश्वस्त हो जाते हैं कि स्कूल के शिक्षक उनकी अच्छी देखभाल करेंगे. स्कूल में रोपा गया शिक्षा का यह बीज, कॉलेज व विश्वविद्यालय तक एक वटवृक्ष के रूप में तैयार हो जाता है.
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव तैयार करने के साथ समाज को गढ़ने में शिक्षक एक बेहतरीन कारीगर के रूप में लगे रहते हैं. यही कारण है कि ऊंचाइयों को छू लेने के बाद भी कोई छात्र अपने शिक्षक या स्कूल को कभी नहीं भूलता है. स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के योगदान को स्वीकृति देने के लिए ‘शिक्षा रत्न सम्मान’ की शुरुआत की गयी. वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद तृणमूल सरकार शिक्षकों की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये स्कूल व कॉलेज की स्थापना के साथ अब राज्य में 42 विश्वविद्यालय बन गये हैं. 7 सालों में 50,426 प्राथमिक शिक्षक व 27,572 अपर प्राइमरी, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. राज्य में 264 प्रिंसिपलों की नियुक्ति की गयी है.2017 से सभी अस्थायी, कॉन्ट्रेक्चुअल, पूर्णकालिक व पैरा-टीचर्स को स्वास्थ्य साथी ग्रुप हेल्थ बीमा योजना का लाभ देने के साथ शिक्षिकाओं की मैटरनिटी लीव, पैटरनिटी-कम चाइल्ड केयर लीव भी बढ़ायी गयी है. लड़कियों के लिए शुरू की गयी कन्याश्री योजना से भी सशक्तीकरण बढ़ा है. हालांकि अभी सरकार को काफी उधार भी चुकाना है, लेकिन फिर भी जनकल्याणकारी योजनाओं पर सरकार काफी खर्च कर रही है.
जितना बजट है, उससे ज्यादा ही सरकार खर्च कर रही है. कई विकास योजनाएं अभी पूर्ण नहीं हो पायी हैं, क्योंकि इसके लिए केन्द्र सरकार से 17,000 करोड़ रुपये अभी मिलने बाकी हैं. मुख्यमंत्री ने सभा में उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे किसी के भी बहकावे में न आयें. अपनी सरकार पर भरोसा व आस्था बनाये रखें. आम लोगों के लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है, जो काम नहीं कर सकते हैं, वे केवल आलोचना ही कर सकते हैं. इन चुनौतियों के बाद भी सरकार अडिग है. हमको कोई अन्य मार्ग नहीं दिखा सकता है.