कोलकाता : डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान गुरुवार को महानगर के कई प्रमुख अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. पार्क सर्कस स्थित कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा, जहां सुबह से कई मरीजों को बिना चिकित्सा के ही लौटना पड़ा. सिर्फ इमरजेंसी विभाग में मरीजों को भर्ती किया गया.
मासूम के गले में अटका था सिक्का, इलाज को बिलखता रहा परिवार
कोलकाता : डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान गुरुवार को महानगर के कई प्रमुख अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. पार्क सर्कस स्थित कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा, जहां सुबह से कई मरीजों को बिना चिकित्सा के ही […]
दोपहर तीन बजे के करीब एक परिवार सात साल के बच्चा के साथ पहुंचा. बच्चे के गले में पांच रुपये का सिक्का अटक गया था. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पीड़ित बच्चा मइबुल लस्कर और उसके परिवारवालों को काफी परेशान होना पड़ा. पहले तो उस परिवार को गेट पर ही रोक दिया गया. इस दौरान बच्चे के इलाज के लिए परिवार बिलखता रहा. करीब दो घंटे बाद एक्सरे रिपोर्ट दिखाने पर उस परिवार को अंदर जाने दिया गया.
बच्चे के चाचा अलिनुल लस्कर का कहना है कि गेट पर ही दो घंटे तक परेशान रहने के बाद करीब पांच बजे बच्चे को दाखिला लिया गया. इतना देर तक बच्चा परेशान था. बच्चे का पिता हफिजुल लश्कर पेशे से लकड़ी मिस्त्री है.
जानकारी के अनुसार जीवनतल्ला निवासी मइबुल अपने घर में गुरुवार को सुबह दस बजे खेल रहा था. परिवारवालों का कहना है कि बच्चा खेलते-खेलते ही अपने मुंह में एक पांच रुपये का सिक्का डाल लिया. वह सिक्का उसके गले में अटक गया. इसके बाद से बच्चा उल्टी करते-करते परेशान हो गया.
घटना के बाद परेशान घरवाले इलाज के लिए दौड़ भाग करने लगे थे. स्थानीय एक चिकित्सा केंद्र से एक्सरे करवाने पर पता चला कि सिक्का बच्चे के गले में फंसा है. फिर बच्चे की दादी बी. लस्कर, चाचा और मामा तुरंत उसे लेकर सीएनएमसीएच पहुंचे. वहां काफी देर तक गेट पर ही रोक कर रखा गया. फिर अंत में दो घंटे बाद उसे भर्ती लिया गया. सात घंटे तक परिवारवालों को परेशानी झेलनी पड़ी. रात आठ बजे बच्चे के गले से सिक्का निकाल दिया गया.
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