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Friday, March 29, 2024

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तेज रफ्तार टैक्सी ने ली कुत्ते की जान, चालक गिरफ्तार

सावधान! लापरवाही से किसी पशु की जान जाने पर हो सकती है पांच साल तक की सजा कोलकाता : चाहे आप कार चला रहे हों या किसी भी तरीके से किसी हाथी, ऊंट, घोड़े, खच्चर, भैंस, सांड़, गाय या बैल अथवा किसी अन्य पशु की अगर आपके द्वारा बरती गयी किसी तरह की लापरवाही के […]

सावधान! लापरवाही से किसी पशु की जान जाने पर हो सकती है पांच साल तक की सजा

कोलकाता : चाहे आप कार चला रहे हों या किसी भी तरीके से किसी हाथी, ऊंट, घोड़े, खच्चर, भैंस, सांड़, गाय या बैल अथवा किसी अन्य पशु की अगर आपके द्वारा बरती गयी किसी तरह की लापरवाही के कारण जान जाती है और आपके खिलाफ शिकायत दर्ज होती है, तो इसमें कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है. कानून में ऐसा ही प्रावधान है.
शुक्रवार को इसी तरह की एक घटना में टैक्सी चालक को गिरफ्तार किया गया है. उसकी कथित लापरवाही से टैक्सी की चपेट में आकर एक कुत्ते की मौत हो गयी. चालक के खिलाफ आइपीसी की धारा 429 के तहत मामला दर्ज किया गया है. घटना सॉल्टलेक के सेक्टर थ्री स्थित एलबी ब्लॉक की है.
क्या है घटना जानकारी के अनुसार, घटना शुक्रवार देर शाम की है. सेक्टर तीन स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूडिशियल साइंस (एनयूजेएस) के परिसर से होकर एक टैक्सी गुजर रही थी.
कथित तौर पर टैक्सी की रफ्तार तेज होने के कारण उसके धक्के से एक कुत्ते की मौत हो गयी. घटना के बाद एनयूजेएस के एक विद्यार्थी अमृत सिंह ने विधाननगर दक्षिण थाने में कार चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने शनिवार की सुबह आरोपी टैक्सी चालक को सोनारपुर से गिरफ्तार कर लिया.
ऐसी घटनाएं होती हैं, पर क्यों नहीं होती गिरफ्तारी?
कोलकाता और जिलों में अमूमन रोजाना ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है. विधाननगर के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अमित पी ज्वालगी ने बताया कि पुलिस शिकायत के आधार पर कार्रवाई करती है. इस मामले में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने टैक्सी चालक सौभिक राय को गिरफ्तार किया. वह गरिया थाना के लश्करपुर का रहनेवाला है. उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 279/429 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या है प्रावधान: पुलिस ने बताया कि आइपीसी की धारा 279 सामान्य है, जो कि सार्वजनिक रास्ते पर जल्दबाजी या लापरवाही से वाहन चलाने पर किसी भी तरह से मानव जीवन संकट में पड़ने पर इस धारा के तहत मामला दर्ज होता है. लेकिन आइपीसी की धारा 429, जो किसी भी तरह से किसी पशु की कुछ भी मूल्य हो या पचास रुपये अथवा उससे अधिक मूल्य के जीवजन्तु की किसी की लापरवाही से मौत अथवा विकलांगता होती है, तो इस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इसके तहत पांच वर्ष तक की जेल की सजा का प्रावधान है.
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