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कोलकाता : आवारा भटकनेवाले कुत्तों की खबर लेगा केएमसी

कोलकाता : अस्पताल, विश्वविद्यालयों से लेकर किसी भी सरकारी कार्यालयों आदि के परिसर में आवारा कुत्तों से होनेवाली परेशानी व उनकी संख्या के संबंध में कोलकाता नगर निगम को जानकारी देना अनिवार्य होगा.इसके लिए नगर निगम की ओर से सरकारी संस्थानों को एक पत्र भेजा जायेगा. यह जानकारी कोलकाता नगर निगम के उप मेयर अतीन […]

कोलकाता : अस्पताल, विश्वविद्यालयों से लेकर किसी भी सरकारी कार्यालयों आदि के परिसर में आवारा कुत्तों से होनेवाली परेशानी व उनकी संख्या के संबंध में कोलकाता नगर निगम को जानकारी देना अनिवार्य होगा.इसके लिए नगर निगम की ओर से सरकारी संस्थानों को एक पत्र भेजा जायेगा. यह जानकारी कोलकाता नगर निगम के उप मेयर अतीन घोष ने दी.
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि निगम की ओर से महानगर के विभिन्न सरकारी संस्थानों को पत्र भेजा गया है. इसमें अपने परिसर में यत्र-तत्र भटकनेवाले आवारा कुत्तों के बारे में निगम को जानकारी देने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि एनआरएस अस्पताल परिसर में 16 पिल्लों के शव मिलने के बाद निगम ने आवारा भटकनेवाले कुत्तों के मामले को गंभीरता से लिया है. श्री घोष ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले साल महानगर में भटकनेवाले कुत्तों के बंध्याकरण के लिए 80 लाख रुपये दिये थे.
पंरतु पिछले साल भी निगम की ओर से 28 लाख रुपये देने की बाबत पत्र भेजा गया था. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अभी तक यह राशि निर्गत नहीं की गयी है. इसके बाद भी राज्य सरकार ने अपनी ओर से कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए 80 लाख का फंड दिया था.
उन्हाेंने बताया कि अब तक 8000 से अधिक कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है. निगम की ओर से विशेष स्क्वाड का गठन किया गया है, जो आवारा भटकनेवाले कुत्तों को पकड़कर उसका बंध्याकरण कर उन्हें पुन: छोड़ देता है. इस कारण सरकारी संस्थानों के परिसरों में आवारा कुत्तों से होनेवाली परेशानी दूर करने के लिए निगम ने युद्धस्तर पर कार्य करने का निर्णय लिया है.
क्या है एनीमल बर्थ कंट्रोल (डाॅग) एंड एंटी रेबीज प्रोग्राम :
यह केंद्र सरकार की ओर से 2001 में भारत के 60 शहरों में चलायी जा रही योजना है, जिसमें आवारा भटकनेवाले पशुओं खासकर श्वानों की जनसंख्या में कमी करने व उसके काटने से लोगों को होनेवाली परेशानी दूर करने का काम किया जाता है. हालांकि यह कार्य स्थानीय निकायों को ही करना होता है, लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए 50 फीसदी राशि का वहन करती है.
16 पिल्लों की हत्या मामले में साजिशन वायरल हो रही रायगंज की नर्स की तस्वीर
कोलकाता : एनआरएस अस्पताल परिसर में 16 पिल्लों को मारने के आरोप में कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग की दो छात्राओं को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों के अनुसार आरोपी छात्राओं के अलावा एक और नर्स की तसवीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. उत्तरी दिनाजपुर के रायगंज की रहनेवाली उक्त नर्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है कि उसे गलत आरोप में फंसाया जा रहा है.
शिकायत में पुलिस को बताया गया है कि 16 पिल्लों की हत्या मामले में उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है, जबकि वह पिछले दो वर्षों से रायगंज में रहती है और कभी एनआरएस अस्पताल नहीं गयी है. शिकायत के बाद रायगंज साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार शिकायत करनेवाली नर्स रायगंज जिला अस्पताल में सिस्टर-इंचार्ज के तौर पर काम करती है.

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