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Friday, March 29, 2024

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कोलकाता : 17 लाख लोगों से हुई थी धोखाधड़ी, सारधा की 13 कंपनियों की संपत्ति होगी नीलाम

कोलकाता : राज्य के 17 लाख लोगों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने वाली सारधा चिटफंड की 13 कंपनियों की संपत्ति को जब्त कर नीलाम किया जायेगा. यह निर्देश नेशनल कंपनी ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल ने दिया है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 के बाद सारधा चिटफंड घोटाले का खुलासा होने के बाद राज्य की राजनीति में […]

कोलकाता : राज्य के 17 लाख लोगों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने वाली सारधा चिटफंड की 13 कंपनियों की संपत्ति को जब्त कर नीलाम किया जायेगा. यह निर्देश नेशनल कंपनी ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल ने दिया है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 के बाद सारधा चिटफंड घोटाले का खुलासा होने के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था. आम लोगों से करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी के मामले में कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आये थे. सीबीआइ ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. उधर, व्यापार मंत्रालय की संस्था एसएफआइ ने भी अलग से सारधा कांड की जांच शुरू कर दी थी.
लंबी जांच के बाद संस्था ने अपनी रिपोर्ट नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल को सौंप दी थी. इसके बाद ट्रिब्यूनल ने सारधा ग्रुप की ग्लोबल ऑटोमोबाइल्स, सारधा टूर एंड ट्रेवल्स, सारधा शॉपिंग मॉल, सारधा एग्रो, बांग्ला मीडिया, सारधा एजूकेशनल इंटरप्राइस, सारधा गार्डेन रिसोर्ट, सारधा लैंडमार्क, सारधा एक्सपोर्ट समेत 13 कंपनियों के कार्यालय और उनकी संपत्तियों को जब्त कर नीलाम करने के निर्देश दिये.
इस काम के लिए ट्रिब्यूनल ने दिवयानी मित्र को परिसमापक नियुक्त किया है. ट्रिब्यूनल के अनुसार, एसएफआइ की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि सारधा ग्रुप ने उक्त कंपनियों की आड़ में गैर कानूनी कार्यों को अंजाम दिया गया था.
कोलकाता की चिटफंड कंपनी के अधिकारी गये जेल
दुगदा. (धनबाद). चंद्रपुरा व नावाडीह थाना क्षेत्र के हजारों ग्राहकों की करोड़ों की रकम लेकर चंपत होनेवाली नन बैंकिंग कंपनी गोल्डेन परिवार होल्डिंग एंड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड के गिरफ्तार चार लोगोंं को चंद्रपुरा पुलिस ने तेनुघाट जेल भेज दिया. तेनुघाट सिविल कोर्ट ने इनकी जमानत खारिज कर दी है. फरवरी 2016 में चंद्रपुरा थाना में दर्ज होने के बाद मामला प्रकाश में आया था.
मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपित फरार चल रहे थे.कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुकल्याण विश्वास, देवमिता विश्वास, वीणा विश्वास, एवं सुप्रकाश विश्वास पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चार दिसंबर 2018 को पाताल डांगा स्ट्रीट पश्चिम बंगाल से पकड़ कर चंद्रपुरा थाना लाने के साथ ही तेनुघाट जेल भेजा दिया था.
कंपनी एजेंट मेघलाल महतो के अनुसार कंपनी ने रजिस्ट्रेशन और पैन कार्ड के आधार पर क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को एजेंट के रूप में नियुक्त कर लिया था. 2005 से संचालित कंपनी ने पांच साल में दोगुना, 10 साल में पांच गुना 15 साल में 10 गुना देने का वादा किया था. चंद्रपुरा में इसका ब्रांच वर्ष मार्च 2011 में खोला गया था.
सभी स्थानीय एजेंटों ने गांव के गरीब लोगों का पैसा लेकर कंपनी में जमा कराया था. इनमें से मंथली, रेकरिंग, डेली पासबुक चलाया करता था. कंपनी चंद्रपुरा ब्रांच से लगभग 1.30 करोड़ रु लेकर भाग गयी. अब एजेंट ग्रामीणों के डर से इधर उधर भागे फिर रहे हैं. अब इनका जीना मुश्किल हो गया है.
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