पिछले दिनों ही एक बोट तैयार कर बाबूघाट भेजा गया. शेष सात हाउसबोट बनाने का काम जारी है. देश में केरल आैर आंध्र प्रदेश के बाद अब कोलकाता में भी हाउसबोटिंग शुरू होने जा रही है. केरल जाने वाले पर्यटकों के बीच हाउसबोटिंग बहुत प्रचलित है. कश्मीर जाने वाले पर्यटक भी हाउसबोटिंग का भरपूर आनंद लेते हैं, लेकिन वहां की बोटिंग चलायमान नहीं है. एक जगह पर स्थिर रहती है. कुछ दिनों पहले आंध्र प्रदेश में हाउसबोटिंग शुरू हुई है. हाउसबोटिंग मूलत: केरल में ही प्रसिद्ध है.
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कोलकाता में भी मिलेगा हाउसबोटिंग का आनंद
हावड़ा. हाउसबोटिंग का आनंद लेने के लिए अब पर्यटकों को दक्षिण भारत के केरल में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जल्द ही हुगली नदी में हाउसबोटिंग शुरू होगी. एक हाउसबोट बनकर तैयार है. शेष बोटों का निर्माण कार्य जारी है. कुल आठ बोट बनाने का कांट्रेक्ट राज्य सरकार ने केरल की एक निजी कंपनी को […]
हावड़ा. हाउसबोटिंग का आनंद लेने के लिए अब पर्यटकों को दक्षिण भारत के केरल में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जल्द ही हुगली नदी में हाउसबोटिंग शुरू होगी. एक हाउसबोट बनकर तैयार है. शेष बोटों का निर्माण कार्य जारी है. कुल आठ बोट बनाने का कांट्रेक्ट राज्य सरकार ने केरल की एक निजी कंपनी को दिया है. शिवपुर में नदी किनारे इन बोटों को बनाया जा रहा है.
बोट बनाने के लिए केरल से लाये गये हैं श्रमिक
हाउसबोट पानी में चलने वाले जहाज के जैसा होता है. इसकी बुकिंग समय के आधार पर की जाती है. शिवपुर में बन रहे दो हाउसबोटों में एक बेडरूम, एक डायनिंग हॉल, रसोई घर आैर बार की सुविधा रहेगी. जबकि अन्य छह हाउसबोट में चार कमरे होंगे. प्रत्येक बोट को बनाने का खर्च अलग-अलग है. प्रत्येक हाउसबोट में एक नाविक सहित तीन क्रू मेंबर रहेंगे. क्रू मेंबर के लिए अलग से कमरा आैर बाथरूम होगा. हाउसबोट को अंदर से बेहद खूबसूरत बनाया जा रहा है. एक हाउसबोट बनाने में करीब चार महीने का समय लगता है. एक बोट बनाने में रोजाना लगभग 20 श्रमिक काम कर रहे हैं. अधिकतर श्रमिक केरल से लाये गये हैं.
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