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सारधा चिट फंड घोटाला : कुणाल घोष, शताब्दी रॉय समेत 6 लोगों को ED ने भेजा नोटिस

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित सारधा चिट फंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शताब्दी रॉय और पूर्व सांसद कुणाल घोष समेत 6 लोगों को नोटिस भेजा है. ईडी ने कुणाल और शताब्दी के अलावा नीतू सरकार, सज्जन अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल और बंबा को नोटिस भेजकर इस महीने पूछताछ […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित सारधा चिट फंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शताब्दी रॉय और पूर्व सांसद कुणाल घोष समेत 6 लोगों को नोटिस भेजा है. ईडी ने कुणाल और शताब्दी के अलावा नीतू सरकार, सज्जन अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल और बंबा को नोटिस भेजकर इस महीने पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है.

बांग्ला फिल्मों के अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी को 9 जुलाई को ईडी ने रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में 19 जुलाई को पेश होने के लिए बुलाया. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चटर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत पूछताछ की जायेगी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की ओर से दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि समूह के चेयरमैन गौतम कुंडू की ओर से संचालित रोज वैली पोंजी स्कीम घोटाले का वर्ष 2013 में खुलासा हुआ था. समूह ने कथित रूप से अलग-अलग योजनाओं को चलाने के लिए 27 कंपनियां बनायीं. इसने पश्चिम बंगाल, असम और बिहार में लोगों से कथित रूप से 17,520 करोड़ रुपये जुटाये.

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने सीबीआइ ने लैंड एग्रो चिट फंड मामले में पश्चिम बंगाल के 22 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की थी. सीबीआइ के मुताबिक, सात जिलों में 22 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की गयी, जिसमें कोलकाता भी शामिल रहा. इस मामले से संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया.

ज्ञात हो कि कुणाल घोष को नवंबर, 2013 में बिधाननगर के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सारधा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य थे. उन्हें वर्ष 2016 में जमानत मिली थी.

सारधा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल का एक बड़ा घोटाला है. इसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का हाथ होने का आरोप है. पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी सारधा ग्रुप ने आम लोगों को ठगने के लिए कई ऑफर दिये थे. इस कंपनी ने 34 गुना रकम करने का वादा करके लोगों से पैसे ठग लिये थे.

बताया जाता है कि इस घोटाले में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है. वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआइ को जांच का आदेश दिया था. साथ ही, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और असम की पुलिस को आदेश दिया था कि वे सीबीआइ के साथ जांच में सहयोग करें.

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