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अवैध कोयला खनन पर लगे लगाम

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने की समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्रियों को लिखेंगे पत्र, बोले अवैध कोयला खनन से राजस्व को हो रहा है भारी नुकसान बोले-900 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है कोल इंडिया के कामकाज में पारदर्शिता पर दिया जा रहा है जोर कोलकाता : केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों […]

  • कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने की समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्रियों को लिखेंगे पत्र, बोले
  • अवैध कोयला खनन से राजस्व को हो रहा है भारी नुकसान
  • बोले-900 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है
  • कोल इंडिया के कामकाज में पारदर्शिता पर दिया जा रहा है जोर
कोलकाता : केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अवैध कोयला खनन पर चिंता जताते हुए कहा कि अवैध कोयला खनन पर लगाम लगे, क्योंकि इससे राजस्व की हानि हो रही है. इस बाबत वह मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे.
कोयला, खान और संसदीय मंत्री का प्रभार ग्रहण करने के बाद पहली बार कोलकाता आये जोशी ने गुरुवार को कोल इंडिया मुख्यालय में कोल इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सहित अन्य अनुषांगिक इकाइयों के सीएमडी के साथ बैठक कर कामकाज की समीक्षा की.
केंद्रीय मंत्री शाम में प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे और वहां राज्य पार्टी अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष, महासचिव प्रताप बनर्जी व संजय सिंह के साथ बैठक की. केंद्रीय मंत्री ने शाम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राजभवन में मुलाकात की.
जोशी ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोयला अधिकारियों के साथ चर्चा में अवैध खनन का मुद्दा सामने आया है. अवैध खनन हो रहा है. यह चिंता का विषय है. वह राज्य सरकार से अपील करते हैं कि अवैध कोयला खनन पर रोक लगायी जाये, क्योंकि इससे बड़ी मात्रा में राजस्व का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्रियों को इस सिलसिले में पत्र लिखेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कोयले का उत्पादन और मांग बढ़ी है. मांग को पूरा करने के लिए इस वर्ष 900 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ व्यवस्था होने का लक्ष्य हासिल करने के लिए कोयले के आयात को कम करने के संबंध में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि फिलहाल देश में 230 मिलियन टन कोयले का आयात होता है. इसमें 100 से 130 मिलियन टन कोकिंग कोल की जरूरत के अनुसार ही है, लेकिन बाकी कोयला आयात को वर्ष 2022-23 तक अनुपातिक आधार पर लाने का लक्ष्य रखा गया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोल इंडिया के पुनर्गठन पर सरकार विचार कर रही है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोल इंडिया का पुनर्गठन नहीं, बल्कि अधिक पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उत्पादकता बढ़े. वैकल्पिक ऊर्जा के बढ़ते प्रयोग से कोयला उद्योग पर खतरे के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग को कोई खतरा नहीं है.

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