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Friday, March 29, 2024

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कोलकाता :शब्द कम हैं, भाव गहरे, नयी गीता के लिए नया अर्जुन चाहिए : राज्यपाल

कोलकाता : शब्द कम हैं भाव गहरे, नयी गीता के लिए अब नया अर्जुन चाहिए. कविता की काव्यवृति करते हुए राज्यपाल व संवेदनशील कवि हृदय केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि उनके हृदय में जितने भाव हैं, उतने शब्द नहीं हैं. उन्होंने अपनी एक-एक कविता की काव्यवृति में जैसे स्वयं को पूरी तरह से खोल कर […]

कोलकाता : शब्द कम हैं भाव गहरे, नयी गीता के लिए अब नया अर्जुन चाहिए. कविता की काव्यवृति करते हुए राज्यपाल व संवेदनशील कवि हृदय केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि उनके हृदय में जितने भाव हैं, उतने शब्द नहीं हैं. उन्होंने अपनी एक-एक कविता की काव्यवृति में जैसे स्वयं को पूरी तरह से खोल कर रख दिया.
अपनी स्वयं की पहचान बताते हुए मेरा परिचय मैं क्या बोलूं, शून्य जीवन में चलो खुशियां बिखेरें, चल न पाएं जो उन्हें दो पांव दे दें, आयी है शाम चक्रव्यूह का सातंवा द्वार, सब तुम्हारे लिये और अंत में कल हम न होंगे, ये स्वर न होंगे छोड़ जाएंगे तुम्हारे लिए याद अपनी की काव्यवृति करते हुए यह जताने कि कोशिश की, कि जीवन का कोई ठिकाना नहीं है.
एक अधिवक्ता, राजनेता, राज्यपाल के रूप में वह रहें न रहें अनंत तक पर उनकी काव्यवृति के स्वर के रूप में वह सभी के लिए अपनी यादें छोड़ जायेंगे. इसी के साथ उन्होंने कहा कोलकाता की साहित्य प्रेमी जनता ने उन्हें प्रेरित-प्रभावित किया है. इसी बंगभूमि में उन्होंने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी व उर्दू में भी काव्य सृजन किया है.
बांग्ला में भी उनकी कुछ रचनाओं का अनुवाद हुआ है. वह पहली बार इस तरह ‘एकल काव्य पाठ’ कर रहे हैं. ये उद्गार राज्यपाल ने श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय एवं फ्रेन्ड्स ऑफ कोलकाता के तत्वाधान में आयोजित ‘केशरीनाथ त्रिपाठी : एकल काव्य पाठ’ में कलामंदिर प्रेक्षागृह में अपनी रचनाओं का पाठ करते हुए व्यक्त किये.
समारोह के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गिरिधर मालवीय ने कहा कि केशरीनाथ जी के व्यक्तित्व में त्रिवेणी का समावेश है. वह कुशल विधिवेत्ता, लोकप्रिय राजनेता तथा संवेदनशील कवि के रूप में देश विदेश में सम्मानित हैं.
उद्योगपति सज्जन कुमार भजनका ने कहा कि राज्यपाल जी ने अपने कोलकाता प्रवास में सभी सामाजिक संस्थाओं को स्नेह प्रदान कर उन्हें नयी ऊर्जा दी है. चर्चित कवि व गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र ने त्रिपाठी जी की काव्य यात्रा के विविध सोपानों का परिचय देकर ‘एकल काव्य पाठ’ की भावभूमि प्रस्तुत की.
गायक ओमप्रकाश मिश्र ने श्री त्रिपाठी द्वारा रचित सरस्वती वंदना, क्षितिज के उस पार देखें क्यों अभी हम, अभी तो इस पार का जीवन बहुत अवशेष है व जय शंकर, जय जय शिवशंकर गीत प्रस्तुति की. अतिथियों का स्वागत महावीर प्रसाद बजाज, डॉ राजीव रावत, विनय दुबे, प्रह्लाद अग्रवाल, बंशीधर शर्मा एवं मोहनलाल पारीक ने किया.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी ने 25 वर्ष पूर्व पुस्तकालय के तत्वाधान में संपन्न कवि अटल बिहारी वाजपेयी के एकल काव्य पाठ का भावपूर्ण स्मरण करते हुए केशरीनाथ त्रिपाठी के साहित्यिक व्यक्तित्व की चर्चा की.
वरिष्ठ आयकर सलाहकार सज्जन कुमार तुलस्यान एवं पुस्तकालय के मंत्री महावीर प्रसाद बजाज ने भी अपने भाव व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन डॉ तारा दूगड़ व धन्यवाद ज्ञापन राजेंद्र खंडेलवाल ने किया.
समारोह में राज्यपाल के मुख्य सचिव सतीश तिवारी व राजेश पुरोहित, डॉ वरुण कुमार, शंकरलाल मेहता, सीताराम शर्मा, महावीर प्रसाद मणकसिया, डॉ बिंदेश्वरी प्रसाद सिंह, नंदलाल शाह, कपूरचंद बेताला, ललित कांकरिया, घनश्याम शोभासरिया, गौरांग दीक्षित, प्रो. रंजीत कुमार सिन्हा, रिद्धकरण बोथरा, पन्नालाल कोचर, साहब अख्तर, द्वारका प्रसाद गनेड़ीवाल, पुरुषोत्तम परसरामपुरिया, शंकरबक्स सिंह, महावीर प्रसाद रावत, मारुति मोहता, मीना पुरोहित, शिबु घोष, सिताराम तिवारी, अजयेंद्रनाथ त्रिवेदी, गिरिधर राय, डाॅ ऋषिकेश राय, अनिल ओझा, बिशन सिखवाल, आनंद पाण्डेय, शशिकांत नारसरिया, स्नेहलता बैद, इंद्रकुमार नाहटा, अशोक गुप्ता, नवीन सिंह, डॉ संजय त्रिपाठी, नवीन प्रजापति, नंदलाल रोशन, योगेश अवस्थी, लालमणि मिश्र, अशोक अवस्थी, राजेंद्र कानूनगो, बालकृष्ण असोपा, सत्यनारायण तिवारी, रामपुकार सिंह, सुनील दीक्षित, डॉ रंजना पाण्डेय, जयप्रकाश सेठिया, बृजेंद्र सिंह प्रभृति कोलकाता एवं हावड़ा के साहित्यिक क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में भंवरलाल मूंधड़ा, योगेशराज उपाध्याय, दुर्गा व्यास, नंदकुमार लढ़ा, भागीरथ सारस्वत, चंद्रकुमार जैन, आशीष चतुर्वेदी, गुड्डन सिंह, सत्येंद्र सिंह अटल, राजाराम बिहानी, गोविंद जैथलिया व अन्य सक्रिय रहे.
चार हाथी दांत के साथ दो तस्कर गिरफ्तार
अलीपुरद्वार. एसएसबी की 53वीं बटालियन और वन विभाग के हैमिल्टनगंज रेंज ने अभियान चलाकर चार हाथी दांत के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक के हासीमारा इलाके में बाबू फुंगछो और चंद्रा लांगटी को गिरफ्तार किया गया, जो असम के कार्बी आंगलांग स्वायत्त क्षेत्र के रहनेवाले हैं.
53वीं बटालियन के कमांडेंट अरविंद कुमार ने बताया कि बरामद हाथी दांत और आरोपियों को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है. हाथी दांत कहां से लाया गया, वन विभाग इसकी जांच कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में हाथी दांत की कीमत लाखों में है.
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