।। अमर शक्ति ।।
गंगासागर : गंगासागर मेले के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गंगासागर पहुंच गयी हैं और गंगासागर में शाम को कपिलमुनि मंदिर में पूजा अर्चना की तथा मंदिर के विकास के लिए महंत ज्ञानदास के साथ बैठक की.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि गंगासागर के बारे में कहा जाता है कि सारे तीर्थ बार-बार गंगासागर एक बार. उन्होंने कहा कि कुंभ सहित सभी तीर्थ बस व रेल मार्ग से जाये जा सकते हैं, लेकिन केवल गंगासागर ही जलमार्ग से जाया जा सकता है.
राज्य सरकार ने मूड़ी गंगा नदी से बिजली के तार ले गयी है और गंगासागर का हर तरह से विकास किया जा रहा है. दूसरी ओर, गंगासागर मेले के लिए अपने सुरक्षा इंतजाम के तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने घाटों पर बासों के बैरीकेड के स्थान पर लोहे की रेलिंग लगाने की पहल की है. यहीं पर श्रद्धालु दक्षिण 24 परगना जिले सागर द्वीप के लिए नौयानों पर सवार होते हैं.
हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर डुबकी लगाने तथा कपिल मुनि के मंदिर में प्रार्थना करने के लिए सागर द्वीप पर एकत्रित होते हैं. जिलाधिकारी वाई रत्नाकर राव ने बुधवार को कहा कि धातु का बैरीकेड लगाने का काम पहले से ही शुरु हो गया है. 24 किलोमीटर के क्षेत्र में यह बैरीकेड लग सकता है.
श्री राव ने कहा : तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए काकद्वीप, नामखाना, काचुबेरिया, चेमागुड़ी और बेनुबन क्षेत्रों तथा कपिल मुनि मंदिर में भी लोहे के रेलिंग बनाये जा रहे हैं. तीर्थयात्रियों की आवाजाही को नियंत्रण में रखने के लिए बेनुबन में एक दूसरा घाट भी तैयार किया जा रहा है.जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की पूरी नजर निर्माण कार्य पर है. 31 दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.
यात्रियों की संख्या इन सालों में कई गुणा बढ़ गयी है. उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर विशाल नियंत्रण कक्ष को नया रुप दिया जा रहा है तथा उसमें अतिरिक्त सीसीटीवी एवं एलईडी स्क्रीन लगाये गये हैं.श्री राव ने कहा, मेला और उसके आसपास के क्षेत्रों की निगरानी के लिए 800 सीसीटीवी और 12 ड्रोन उपयोग में लाये जायेंगे. इससे अधिकारियों को भीड़ और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी.