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एसएससी की नियुक्ति में धांधली का लगाया आरोप

फरवरी में आमरण अनशन किये थे अभ्यर्थी, फिर से दी आंदोलन की चेतावनी कोलकाता : हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी (स्कूल सर्विस कमिशन) द्वारा अपर-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी मेरिट सूची में धांधली की गयी है. इस प्रक्रिया में जिन योग्य अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए था, […]

फरवरी में आमरण अनशन किये थे अभ्यर्थी, फिर से दी आंदोलन की चेतावनी

कोलकाता : हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी (स्कूल सर्विस कमिशन) द्वारा अपर-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी मेरिट सूची में धांधली की गयी है. इस प्रक्रिया में जिन योग्य अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए था, उनका नहीं हुआ है बल्कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का नियुक्ति के लिए चयन किया गया है. अपर प्राइमरी व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में बंगाल में भ्रष्टाचार पनप रहा है.
ये आरोप एसएसी परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों ने लगाया है. इनका कहना है कि जिन शिक्षकों के अंक ज्यादा हैं, उनका नाम मेरिट सूची में शामिल न कर उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है. स्कूल सर्विस कमिशन की वेबसाइट पर जारी मेरिट सूची पर इन्होंने आपत्ति जतायी है. इनका कहना है कि योग्यता के अनुसार स्कूलों में नियुक्ति करने की मांग को लेकर लंबे समय तक मेयो रोड पर अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर बैठे थे. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि शीघ्र नियुक्ति की जायेगी लेकिन अब इस प्रक्रिया में भेदभाव किया जा रहा है.
इस विषय में अभ्यर्थी प्रकाश घोष ने बताया कि चयनित सूची में उनका नाम 33वें नंबर पर है लेकिन मेरिट सूची में उसका नाम नहीं है. उनके जितने अंक हैं, उससे भी कम अंक वाले अभ्यर्थियों का नाम मेरिट सूची में है. इसी तरह विमल दास, साैमेन नियोगी, आरिफ खान और अनुतोष बरपांडा ने बताया कि कहना है कि नियुक्ति में भ्रष्टाचार हो रहा है. उनका आरोप है कि सरकार जिनको नियुक्त करना चाहती है, उनके टेट के एकेडमिक स्कोर व वाइवा के अंक बढ़ा दिये गये हैं, ताकि कोई योग्य आवेदक आपत्ति न कर सके.
इससे पहले ऑनलाइन आवेदन करते समय स्वत: आवेदक के स्कोर एप्लीकेशन-फार्म में आ जाते थे लेकिन अब फार्म पर से स्कोर हटा दिये गये हैं. इन शिक्षकों का आरोप है कि चाैथे चरण में हुई काउंसेलिंग में मैथेमेटिक्स व फिजिकल साइंस विषय के लिए की गयी नियुक्ति में भी सामान्य श्रेणी में केवल महिला अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति की गयी है. जबकि जनरल श्रेणी में महिला व पुरुष दोनों की नियुक्ति की जानी चाहिए.
इसमें पुरुष अभ्यर्थियों को शिक्षक पद के लिए नियुक्त नही किया गया है, इससे उनमें आक्रोश बढ़ रहा है. वहीं कुछ का आरोप है कि अगर जनरल श्रेणी में सरकार नियुक्ति कर रही है तो नियमानुसार समान रूप से ओबीसी ए, ओबीसी बी, एससी श्रेणी में भी नियुक्ति के लिए मेरिट सूची जारी करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसके विरुद्ध कुछ शिक्षकों ने फिर से कोर्ट में मामला दायर किया है.
इनका कहना है कि युवा छात्र अधिकार मंच के बैनर तले लगभग 400 अभ्यर्थियों ने इसी मांग को लेकर एक महीने से भी ज्यादा समय तक भूख हड़ताल की थी. बाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन पर आंदोलन वापस ले लिया गया था. घटना के आठ महीने बीत गये लेकिन कुछ नहीं हुआ. अगर सरकार ने शीघ्र वेटिंग लिस्ट के योग्य अभ्यर्थियों के लिए वैकेंसी निकाल कर नियुक्ति नहीं तो फिर से आंदोलन होगा.

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