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मछुआरों ने किया बक्सर-चौसा मार्ग को घंटों जाम, की नारेबाजी

बक्सर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जरिगांवा गांव में ठोरा नदी को जाल से बांध देने को लेकर कई गांवों के मछुआरों ने बुधवार की दोपहर बक्सर-चौसा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. मछुआरों ने जमकर जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. घटना की सूचना मिलते ही सदर सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह और […]

बक्सर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जरिगांवा गांव में ठोरा नदी को जाल से बांध देने को लेकर कई गांवों के मछुआरों ने बुधवार की दोपहर बक्सर-चौसा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. मछुआरों ने जमकर जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. घटना की सूचना मिलते ही सदर सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह और नगर थानाध्यक्ष राहुल कुमार मौके पर पहुंचकर मछुआरों को समझाने में जुट गये.

करीब दो घंटे के बाद सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह और नगर थानाध्यक्ष राहुल कुमार के आश्वासन पर मछुआरों ने जाम हटाया. वहीं जाम के चलते दोनों तरफ से वाहनों की लंबी लाइन लग गयी. बताया जाता है कि इजरी गांव के रहने वाले झलकु बीन और छोटक यादव को ठोरा नदी में मछली मारने की नीलामी मिली थी.
इसके बाद दोनों ने मिलकर जरिगांवा के समीप ठोरा नदी को जाल से पूरी तरह से बांध दिया, जिसमें मछली नीचे के तरफ नहीं जा रही थी. मछली नीचे नहीं आने से जरिगांवा गांव के नीचे के गांव के मछुआरों को एक भी मछली नहीं मिल रही थी. जब मछुआरों ने इसकी जांच की तो पाया कि जरिगांवा में जाल से नदी बांध देने की वजह से मछली नीचे नहीं आ रही है.
मछली नीचे नहीं आने से मल्लहचकिया, जरिगांवा, ठोरा, कृतपुरा, छोटका नुआंव समेत कई गांवों के लोग भुखमरी के कगार पर आ गये. इसके बाद लोगों ने जाल हटाने को कहा, लेकिन छोटक यादव और झलकु बीन ने जाल नहीं हटाया. जब जाल नहीं हटाया गया तो अन्य गांव के मछुआरों ने बुधवार को बक्सर-चौसा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.
मछुआरों ने कहा कि मछली मारकर उनके घर का जीवनयापन चलता है. जब से जरिगांवा के समीप नदी को जाल से बांध दिया गया, तब से आज तक एक भी मछली नहीं मिली. इसके चलते घर में भुखमरी की कगार पर आ गये हैं. उन्होंने कहा कि नीलामी में नदी को बांधने का नियम नहीं है. स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर ठेकेदारों द्वारा नदी को बांध दिया गया है.
अगर जब तक प्रशासन जाल नहीं हटवाती तो तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं मछुआरों की जाम की सूचना मिलते ही सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह और नगर थानाध्यक्ष राहुल कुमार मौके पर पहुंचकर मछुआरों को समझाने में जुट गयी. जहां प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ा.
करीब दो घंटे के बाद सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह के आश्वासन के बाद मछुआरों ने सड़क जाम हटाया. वहीं जाम से दोनों तरफ से वाहनों की लंबी कतार लगी रही. मछुआरों के सड़क से हटते ही पुलिस के जवानों ने किसी तरह से रास्ते को साफ कराया. सीओ सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मछुआरों को समझाया गया है. मामले की जांच की जा रही है. इसके लिए सदर एसडीओ केके उपाध्याय से बात की जायेगी. बहुत जल्द मामला सुलझा लिया जायेगा.
दो दिन पहले भी हुआ था विवाद, वाहनों की लगी रहीं लंबी कतारें
दो दिन पहले कई गांव के मछुआरों ने जरिगांवा में जाकर जाल हटाने के लिए हंगामा कर चुके थे, जहां मुफस्सिल थाने की पुलिस ने किसी तरह से मामले को शांत कराया, जहां पुलिस ने आश्वासन दिया था, लेकिन किसी तरह से कोई कार्रवाई नहीं. तब मछुआरों को लगा कि पुलिस और प्रशासन जाल को नहीं हटवायेगी.
तब जाकर अंत में विवाद होकर मछुआरों ने बक्सर-चौसा मार्ग को जाम कर दिया. मछुआरों को बक्सर-चौसा मुख्य मार्ग के जाम होने से दोनों तरफ से वाहनों की लंबी लाइन लगी रही. वहीं कई मरीज भी जाम में फंसे रहे. कई लोग तो वाहन छोड़कर पैदल जाते नजर आये. यात्रियों का कहना था कि जाम कितने देर में खत्म होगा. इसका कोई हिसाब नहीं है. पुलिस अगर पहले ही कार्रवाई कर देती तो शायद आज मछुआरे ये नहीं करते.

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