डुमरांव : समय पर वेतन या दैनिक मजदूरी हर हाल में मिलनी चाहिए. वेतन और मजदूरी से कर्मियों के पारिवारिक सहित अन्य कार्य प्रभावित होते हैं. किसी भी संस्था के मुख्य अधिकारी का दायित्व बनता है कि अपने अधीनस्थ कर्मियों से सही तरीके से काम लें और समय पर उनके दिहाड़ी की व्यवस्था करें.
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वेतन नहीं मिलने की डीइओ की करेंगे शिकायत
डुमरांव : समय पर वेतन या दैनिक मजदूरी हर हाल में मिलनी चाहिए. वेतन और मजदूरी से कर्मियों के पारिवारिक सहित अन्य कार्य प्रभावित होते हैं. किसी भी संस्था के मुख्य अधिकारी का दायित्व बनता है कि अपने अधीनस्थ कर्मियों से सही तरीके से काम लें और समय पर उनके दिहाड़ी की व्यवस्था करें. ऐसा […]
ऐसा देखा जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मियों से कड़ाई से कार्य करवाया जाता है, लेकिन उन्हें समय से वेतन नहीं नहीं दिया जाता है. मौजूदा समय में बिहार में नियोजित शिक्षकों की स्थिति बहुत ही दयनीय है. वेतन नहीं मिलने के कारण वे आर्थिक, मानसिक व सामाजिक परेशानियों से जूझने को मजबूर रहते हैं.
वे चाहकर भी अपने बच्चों को समय पर भोजन, वस्त्र और शिक्षा की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाते हैं. समाज में उच्च दर्जा हासिल करनेवाले ये शिक्षक पैसे के अभाव में देनदारी के चलते चौतरफा सामाजिक, मानसिक व आर्थिक मार सहने को मजबूर रहते हैं. थोड़ी सी गलती पर अधिकारियों द्वारा डाट- फटकार लगाते हुए उनका वेतन काट दिया जाता है. लंबित वेतन की बात अधिकारी से पूछने पर मुकदमे की मार भी सहनी पड़ती है.
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ डुमरांव के प्रखंड अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद ने बताया कि बक्सर डीइओ के हाल के व्यवहार से ऐसा लगता है कि शिक्षक बंधुआ मजदूर से भी गये गुजरे हैं. समय पर वेतन एरियर देने के बजाय तरह-तरह के आदेश निकाल मानवाधिकार व संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है.
इसके विरुद्ध हम शिक्षक मानवाधिकार व न्यायालय का सहारा लेंगे. बैठक की अध्यक्षता महेश प्रसाद यादव ने की व संचालन अमितेश कुमार ने किया. मौके पर विजय पालन सिंह, राजीव रंजन, प्रवीण कुमार, लाल बहादूर, विजेंद्र सिंह, संतोष यादव, जनार्दन यादव सहित कई शिक्षक मौजूद रहे.
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