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बिना रिश्वत के पानी तक पीना पसंद नहीं करता शिक्षा विभाग का यह अधिकारी, विरोध में शिक्षकों ने…

बक्सर : बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड में पदस्थापित एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी, रंगदारी और रिश्वत लेकर हर काम करने से परेशान शिक्षकों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सूत्र को अपनाते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है. आंदोलनरत शिक्षकों की मानें, तो अधिकारी की कारगुजारियों का अंदाजा आप इस बात […]

बक्सर : बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड में पदस्थापित एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी, रंगदारी और रिश्वत लेकर हर काम करने से परेशान शिक्षकों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सूत्र को अपनाते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है. आंदोलनरत शिक्षकों की मानें, तो अधिकारी की कारगुजारियों का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह अधिकारी बिना अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह-मशविरा किये हुए किसी भी विद्यालय के शिक्षक को पैसे लेकर उसे मनमाने जगह पर पोस्टिंग कर देता है. किसी भी काम के लिए इसके पास एक ही विकल्प है, आप उचित रिश्वत दें और उसके बाद मनमाना काम करवा लें. बीईओ विजय कुमार ने हाल में प्रखंड के कोरान सराय कस्तूरबा विद्यालय में एक विवादास्पद शिक्षिका को पैसे लेकर नियुक्ति करने के मामले में चर्चा में बना हुआ है. शिक्षकों ने बताया कि विजय कुमार का आतंक ऐसा है कि किसी भी शिक्षक की कोई भी समस्या हो, उसका निदान करने के जगह वह साफ धमकी देता है कि जिसे जहां जाना जाये, उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

पूरे प्रखंड में शिक्षक समुदाय के बीच इस बात की चर्चा है कि बीईओ विजय कुमार का ऐलान है कि उसका जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते. विजय कुमार से शिक्षकों की समस्या को लेकर बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनके पास अभी समय नहीं है, शिक्षकों से जाकर मिलने का. फुरसत मिलने पर वह जाकर देखेंगे कि मामला क्या है. सूत्रों की मानें, तो विजय कुमार पहले भी प्रखंड के शिक्षकों को परेशान करने के लिए बदनाम रहे हैं. मैट्रिक परीक्षा से ठीक पहले बीईओ द्वारा मनमानी को लेकर शिक्षकों का आमरण अनशन जारी है. कई शिक्षकों की स्थिति नाजुक है और उन्हें चिकित्सीय सहायता की जरूरत है, लेकिन वहां पर अभी तक विभाग का कोई व्यक्ति नहीं पहुंचा है. शिक्षक मंगलवार को पूरे दिन बीआरसी भवन पर धरना-प्रदर्शन कर बीईओ के विरूद्ध जमकर नारेबाजी करते रहे. इधर बीआरसी का ताला खोलने के लिए कोई भी स्टाफ नहीं पहुंचा.

धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि किसी भी काम और हस्ताक्षर के लिए बीईओ द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है. नहीं देने पर शिक्षकों का काम अटका दिया जाता है. डुमरांव बीआरसी पर धरना पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि जब तक इस बीईओ को डुमरांव से हटाया नहीं जाता है, तब तक वे लोग आमरण अनशन जारी रखेंगे. वहीं दूसरी ओर बीईओ द्वारा इस मामले को सुलझाने का कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है. विजय कुमार द्वारा शिक्षकों को प्रताड़ित करने की बात से जिले के वरीय अधिकारी भी अवगत हैं, लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है. बीईओ विजय कुमार इससे पहले भी विवादों में रहे हैं और उनके द्वारा शिक्षकों के वेतन पपत्र और अवकाश पपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए भी पैसे ऐंठने की बात सामने आती रही है.

इससे पूर्व, प्रखंड के नियोजित शिक्षकों ने बीईओ के विरोध में बीआरसी में तालाबंदी और धरना-प्रदर्शन करने के लिए बीडीओ को आवेदन दिया था. मंगलवार की सुबह दस बजे शिक्षक बीआरसी पर पहुंच गये, लेकिन बीआरसी नहीं खुला था. सभी शिक्षक बीआरसी के गेट पर धरना पर बैठ बीईओ विजय कुमार के विरोध नारेबाजी करने लगे. शिक्षक बीईओ द्वारा माह दिसंबर व जनवरी के वेतन विवरणी जिला कार्यालय नहीं भेजे जाने से आक्रोशित थे. शिक्षकों का कहना था कि सेवा पुस्तिका अनुमोदन पत्र नहीं भेजने, विद्यालय निरीक्षण के क्रम में बगैर स्पष्टीकरण वेतन काटने, प्रधानाध्यापक के पास अकास्मिक अवकाश का आवेदन रहने के बावजूद वेतन अनुमोदन पत्र नहीं भेजने, विद्यालय निरीक्षण के क्रम में बगैर स्पष्टीकरण वेतन काटने, शिक्षकों को बैंक से मिल रहे लोन के प्रपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने मनमानी किया जा रहा है.

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