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मई महीने में खुदरा के बाद थोक महंगाई दर भी बढ़ी, लेकिन अब भी शून्‍य से नीचे

नयी दिल्ली : मई महीनें में खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोडी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी. अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी. गौरतलब […]

नयी दिल्ली : मई महीनें में खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोडी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी. अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी. गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में खास कर ईंधन, खाद्यों तथा विनिर्मित उत्पादों की कीमतों के घटने से थोक मुद्रास्फीति लगातार सात महीने से शून्य के नीचे हैं.

पिछले साल मई में मुद्रास्फीति 6.18 प्रतिशत थी और नवंबर 2014 से शून्य से नीचे चल रही है. मुद्रस्फीति का यह ताजा आंकडा इस साल मानसून की बारिश औसत से कम रहने के अनुमानों के बीच आया है. सरकार द्वारा आज जारी आंकडों के मुताबिक मई में सब्जियों की कीमतें सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत कम रहीं जबकि आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 52 प्रतिशत नीचे हैं. मई में अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन युक्त उत्पादों की थोक कीमतें इससे पिछले महीने के मुकाबले घटीं.

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दूध, फल, चावल और अनाजों के दामों में यही रुझान रहा. कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति मई में 3.8 प्रतिशत रही जो इससे पिछले कुछ महीनों के मुकाबले बहुत कम है. इसी तरह मई माह में विनिर्मित खाद्य उत्पादों (चीनी, खाद्य तेल, पेय आदि) की मुद्रास्फीति 0.64 प्रतिशत घटी जो पिछले कई माह की न्यूनतम दर है.

मई माह में ईंधन एवं ऊर्जा बास्केट सालाना आधार पर शून्य से 10.51 प्रतिशत कम रहा जो अप्रैल के मुकाबले आंशिक रूप से थोडा अधिक है. मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने के मुकाबले आंशिक रूप से बढकर 5.01 प्रतिशत रही.

खुदरा मुद्रास्फीति मई में बढकर 5.01 प्रतिशत

दालों के भाव चढने से मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढकर 5.01 प्रतिशत हो गयी. हालांकि माह के दौरान फल एवं सब्जियों के दाम में कमी आयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 4.87 प्रतिशत थी. पिछले वर्ष मई में 8.33 प्रतिशत थी. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकडों के अनुसार दलहन के भाव मई 2015 में इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने की तुलना में 16.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

फसल वर्ष 2014-15 में बेमौसम बारिश जैसे प्रतिकूल मौसम के कारणदलहन के उत्पादन में करीब 20 लाख टन की कमी आयी है. मौद्रिक नीति के लिये खुदरा मुद्रास्फीति को मानक बनाने वाली रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कीमत वृद्धि अभी चिंता का कारण है.

रिजर्व बैंक ने जनवरी 2016 तक खुदरा मुद्रास्फीति दर बढकर 6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है. आलोच्य महीने के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गयी जो अप्रैल 2015 में 5.11 प्रतिशत थी. मई 2014 में खाद्य मुद्रास्फीति 8.89 प्रतिशत थी. फल एवं सब्जियों की मुद्रास्फीति मई 2015 में क्रमश: 3.84 प्रतिशत तथा 4.64 प्रतिशत थी. दूध और दुग्ध उत्पाद मई 2015 में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 7.43 प्रतिशत महंगे रहे.

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