उर्मिला कोरी
आयुष्मान खुराना व नुसरत भरुचा स्टारर फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ सिनेमाघरों में है, जिसे उम्मीद के मुताबिक दर्शकों की सराहना मिल रही है. उम्दा कलाकारों की टोली से सजी इस फिल्म को राज शांडिल्य ने निर्देशित किया है. इससे पहले ‘प्यार का पंचनामा’, ‘सोनी के टीटू की स्वीटी’ जैसी हिट फिल्मों से नुसरत भरुचा इंडस्ट्री का दमदार चेहरा बन चुकी हैं. नुसरत से कुछ दिलचस्प बातें.
-‘पहले दर्शकों को लगा होगा कि ‘ड्रीम गर्ल’ किसी लड़की की कहानी है, मगर यह तो आयुष्मान खुराना पर बेस्ड रही. फिर आपने फिल्म में क्या पाया?
मैंने फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ की है. वह पूरी तरह से लड़कों की ही फिल्म थी. लेकिन मैंने अपनी अलग पहचान बनायी. हमेशा मेरी कोशिश रहती है कि चैलेंजिंग रोल करूं. मुझे लगता है कि अच्छा हुआ कि एक लड़के को ड्रीम गर्ल बनाया गया है. हेमा मालिनी जी के बाद तो कोई और ड्रीम गर्ल बन ही नहीं सकती है. दरअसल, निर्देशक राज शांडिल्य से इस फिल्म का प्रस्ताव ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ के वक्त ही मुझे मिला था. राज ने मुझे फिल्म की कहानी सुनायी थी, तब मैं पेट पकड़कर हंसती रही. कहानी खत्म होते ही मैंने हां कर दी थी.
-आयुष्मान के साथ ऑफ स्क्रीन बॉडिंग कैसी है?
आयुष्मान से ज्यादा उसकी वाइफ ताहिरा के साथ मेरी बॉडिंग हो गयी है. मुझे नहीं पता कि ये सब कैसे हुआ, लेकिन हो गया. मुझे याद है मेरा बर्थडे था. आयुषमान को मैंने बुलाया था, मगर वह आउट ऑफ मुंबई था. मैंने ताहिरा को भी बुलाया था. रात के दस बज गये थे, मेहमानों ने खाना भी खा लिया था. मैंने ताहिरा को फोन लगाया, तो उसने कहा कि ‘सॉरी यार नहीं आ पाऊंगी. मैं घर आ गयी हूं’. मैंने उसे वीडियो कॉल पर केक दिखाया और कहा कि तुम नहीं आओगी तो मैं केक नहीं काटूंगी. उसके बाद तो उसे आना पड़ा. पता नहीं क्यों, ताहिरा से मुझे एक अजीब-सा कनेक्शन महसूस होता है.
-कौन लोग आपके बेहद करीब हैं, जिनसे आप सब कुछ शेयर करती हैं?
मेरी छोटी बहन है. उससे मैं अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट और दूसरी बातें शेयर करती हूं. हालांकि वह इस इंडस्ट्री से नहीं है. मेरी एक आंटी हैं, जो जर्नलिस्ट रह चुकी हैं. मैं उनसे भी शेयर करती हूं, मगर उन्हें डर-डर कर कॉल करना पड़ता है, क्योंकि वे थोड़ी स्ट्रीक्ट हैं. उन्हें प्यार से समझाना पड़ता है. मेरे मेकअप पर्सन सलीम और हेयर ड्रेसर आलिया, दोनों मेरे साथ मेरे कैरियर के शुरुआती दिनों से हैं. ये मेरी गाड़ी के पहिए हैं. वह भी आगे वाले, जिनसे पीछे वाले पहिए चलते रहते हैं. ये दोनों सबसे ज्यादा समय मेरे साथ रहते हैं. उन्हें अच्छे से पता है कि कौन-सी बातें मुझे खुशी देती हैं, किन बातों से मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और वे बेचारे टिशू लेकर वैनिटी वैन के बाहर खड़े रहते हैं.
-लोग कहते हैं कि नुसरत बात-बात पर रो देती हैं?
मेरा बिल्कुल सिंपल फंडा है. मैं आपके साथ जिस तरह से रहती हूं, आप मेरे साथ उस तरह से रहिए. मैं अगर आपको इज्जत दे रही हूं, आपको ‘आप’ कहकर बोल रही हूं, तो आप भी मुझे उतना इज्जत दो. अगर आपने थोड़ा-सा भी ऊपर-नीचे कर दिया, तो फिर मुझे बुरा लग जाता है. मेरे लिए सम्मान और संस्कार बहुत मायने रखते हैं. अक्सर लोगों को लगता है कि हम इसके साथ तो कैसे भी बात कर सकते हैं. कई लोग लाइटमैन या दूसरे तकनीशियंस के साथ बुरा बर्ताव करते हैं. मुझे नहीं समझ आता कि कैसे लोग किसी पर चिल्लाकर या डांट कर अपना काम करा लेते हैं. मुझे पता है कि जो लोग चिल्लाते हैं, उन पर प्रेशर होगा, लेकिन फिर भी मैं यही कहूंगी कि यह तरीका गलत है. मैं बेहद इमोशनल इंसान हूं. बिना बात के मैं क्यों किसी के गुस्से को झेलूं.
-आज आपकी एक के बाद एक फिल्में सफल हो रही हैं. रिजेक्शन को कैसे याद करती हैं?
मैंने काफी रिजेक्शन झेला है, मगर उसे भी पॉजिटिव तरीके से लिया. मैंने पूछा कि सामने से आप कास्ट नहीं कर रहे हो, उसकी क्या वजह है? मैं जानना चाहती हूं कि मैं क्यों फिट नहीं हुई, ताकि मैं खुद पर काम कर सकूं. ये सवाल- जवाब से खुद को बेहतर बनाने में मुझे मदद मिली. मैं सफलता के इस दौर में असफलता को क्रेडिट देना नहीं भूलती, क्योंकि सफलता से ज्यादा सीख असफलता देती है. अगर मुझे यह सफलता पहले मिल गयी होती, तो शायद मैं फिर रुक जाती. लेकिन इतने संघर्ष के बाद मिली है, तो समझ आता है कि उसकी कीमत क्या है.
-कभी-कभी अजीबोगरीब रिजेक्शन की वजह भी दी जाती है. क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है?
हां, एक बार किसी ने मुझे कहा था कि आप किरदार के लिए बहुत मॉर्डन हैं, तो मैंने कहा था कि अगर मैं गरीब वाली साड़ी पहन लूं, बिना मेकअप और बालों को बिना संवारे आऊंगी, तो क्या आप तब भी मुझे यही कहेंगे. अपीयरेंस ही सब कुछ नहीं होता. अगर ऐसा है तो राजकुमार ने जो काम ‘ओर्मटा’ में किया है, फिर ‘न्यूटन’ में किया है, किसने सोचा था. किरदार की तरह ही दिखना है, यह सिर्फ एक्टर की जिम्मेदारी नहीं है. निर्देशक को भी सोचना है. आधा फासला वे तय करेंगे, आधा हम. आप विजुअलाइज तो करो. आप मौका तो दो.
-आपको अब फिल्मों के सीधे ऑफर्स आते हैं या अभी भी ऑडिशंस से आपको गुजरना पड़ता है?
ऑडिशन का प्रोसेस बहुत पहले ही खत्म हो गया. यह सवाल भी मत पूछिए. (हंसते हुए) अजीब-सा लगता है. हां, यह है कि अगर कोई मुझसे कहता है कि हम आपको इस किरदार में नहीं देख पा रहे हैं, तो मैं कहती हूं कि मैं आपको एक लुक टेस्ट करके भेजती हूं. एक निर्देशक को अपनी फिल्म के लिए कश्मीरी लड़की चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मैं किरदार के लिए फिट नहीं हूं. मुझे लगा कि ऐसा क्या है कश्मीरी लोगों में. वे भी हमारी तरह ही तो दिखते हैं. तुरंत मैंने अपने खर्चे पर हेयर, मेकअप, कॉस्ट्यूम मैन को बुलाया और अपनी बिल्डिंग के छत पर एक पूरा वीडियो बनाया कश्मीरी लुक के साथ. मैंने निर्देशक को वीडियो भेजा. हालांकि उन्होंने उसके बाद भी मुझे कास्ट नहीं किया, लेकिन मैंने अपना काम कर दिया था.
बनीं लकी चार्म
नुसरत को बॉलीवुड में लकी चार्म कहा जा रहा है. उनके साथ काम करके कार्तिक आर्यन सुपरस्टार बन चुके हैं. राजकुमार राव को भी पहचान नुसरत के साथ फिल्म लव सेक्स और धोखा से मिली. कह सकते हैं कि आयुष्मान खुराना की तरह इस जॉनर में नुसरत की भी मजबूत पहचान बन चुकी है. जाहिर तौर पर इस जोड़ी से बड़ी उम्मीद है. नुसरत ने बहुत पहले बताया था कि ऑस्कर विनर फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ में लतिका के रोल के लिए उन्हें पहले शॉर्ट लिस्ट किया गया था, जो बाद में फ्रीडा पिंटो को मिल गया. मेकर्स को लगा कि नुसरत का लुक स्लम की लड़की जैसा नहीं. जबकि मेकर्स नुसरत की एक्टिंग से काफी प्रभावित थे.