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नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में भूपेन हजारिका के बेटे ने भारत रत्न लेने से किया इंकार

मशहूर गायक भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) के बेटे तेज हजारिका ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में हाल ही में पिता को दिए गए भारत रत्न को लेने से इनकार कर दिया है. भूपेन हजारिका को 25 जनवरी को ही मोदी सरकार ने सबसे बड़े पुरस्कार से नवाजे जाने का ऐलान किया था. नागरिकता संशोधन […]

मशहूर गायक भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) के बेटे तेज हजारिका ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में हाल ही में पिता को दिए गए भारत रत्न को लेने से इनकार कर दिया है. भूपेन हजारिका को 25 जनवरी को ही मोदी सरकार ने सबसे बड़े पुरस्कार से नवाजे जाने का ऐलान किया था. नागरिकता संशोधन बिल का बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है. यह विधेयक 8 जनवरी को लोकसभा में पारित हो चुका है जबकि मंगलवार को राज्‍यसभा में पेश किया जायेगा.

अमेरिका में रह रहे तेज हजारिका ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए स्थिति साफ की है. उन्‍होंने कहा,’ केंद्र सरकार ने इस सम्‍मान को देने में जिस तरह की जल्‍दबाजी दिखाई है और जो समय चुना है वह कुछ नहीं बस लोकप्रियता का फायदा उठाने का सस्‍ता तरीका है.’

हमारे सहयोगी चैनल टाइम्‍स नाउ से खास बातचीत में तेज ने बताया,’ मैंने भारत रत्‍न देने को चीप थ्रि‍ल करार नहीं दिया है बल्कि यह जिस समय दिया जा रहा है, उसपर सवाल खड़े किये हैं. ऐसे समय में जब पूर्वोतर के लोग नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं, उस समय में उनके हीरो को भारत रत्‍न देना सवाल खड़े करता है.’

‘भारत रत्‍न’ पर परिवार बंटा

एक असमिया दैनिक से बात करते हुए तेज ने कहा कि, अगर आज भूपेन हजारिका जीवित होते तो मौजूद हालात को देखते हुए वे भारत रत्‍न नहीं लेते. उनका बेटा होने के नाते मैं भी असम के लोगों के लिए इतना तो कर ही सकता हूं.’ हालांकि भूपेन हजारिका का परिवार इस मुद्दे को लेकर एकमत नहीं हैं. उनके भाई समर का कहना है कि भारत रत्‍न का अपमान नहीं करना चाहिये. इसे नहीं लेने का फैसला किसी एक व्‍यक्ति की ओर से नहीं किया जा सकता.’

कौन थे भूपेन हजारिका ?

भूपेन हजारिका पूर्वोतर राज्‍य असम से ताल्‍लुक रखते थे. अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा उन्‍होंने हिंदी बांग्‍ला समेत कई भारतीय भाषाओं में गाने गाये. उन्‍होंने फिल्‍म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्‍मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्‍णव जन’ गाया था. भारत रत्न के अलावा उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण और संगीत-नाटक अकादमी रत्न से भी सम्‍मानित किया जा चुका है. भूपेन हजारिका ने अपने जीवन में एक हजार गाने और 15 किताबें लिखीं. उन्होंने ‘रुदाली’, ‘मिल गई मंजिल मुझे’, ‘दरमियां’, ‘गजगामिनी’ और ‘दमन’ जैसे फिल्‍मों में सुपरहिट गाने दिये. उनका निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ था.

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