Advertisement
कोल्ड ड्रिंक के एमआरपी से अधिक पैसा वसूल रहे हैं दुकानदार
बोकारो: कोल्ड ड्रींक का शौक आम आदमी के पैकेट में आग लगाने का काम कर रही है. हर दिन बोकारो के लोगों से कोल्ड ड्रिंक के लिए 1.5 लाख रुपया अतिरिक्त वसूला जा रहा है. बोकारो में प्रतिदिन में 48 हजार बोतल (200 एमएल) शीतल पेय की बिक्री होती है. कमीशन के बाद भी वसूली […]
बोकारो: कोल्ड ड्रींक का शौक आम आदमी के पैकेट में आग लगाने का काम कर रही है. हर दिन बोकारो के लोगों से कोल्ड ड्रिंक के लिए 1.5 लाख रुपया अतिरिक्त वसूला जा रहा है. बोकारो में प्रतिदिन में 48 हजार बोतल (200 एमएल) शीतल पेय की बिक्री होती है.
कमीशन के बाद भी वसूली : शीतल पेय के व्यवसाय श्रृंखला में होता है. सबसे पहले कंपनी शहर में अधिकृत थोक विक्रेता के पास माल सप्लाई करता है. इसके बाद खुदरा व्यापारी के पास आपूर्ति होती है. हर चरण में व्यवसायी को कमीशन दिया जाता है. खुदरा व्यपारी को प्रिंट रेट का 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है. इसके बावजूद प्रति बोतल अतिरिक्त पैसा वसूला जाता है.
व्यवसायियों की दलील
हालांकि अतिरिक्त रुपया लेने के पीछे खुदरा व्यवसायियों की अपनी दलील है. दुकानदरों की माने तो सिर्फ कमीशन के बदौलत व्यवसाय करना संभव नहीं है. कुलिंग के लिए फ्रिज व डीप फ्रिज का इस्तेमाल करना पड़ता है. इसमें बिजली बिल लगता है. साथ ही कई ऐसे ग्राहक भी आते हैं, जो पीते-पीते बोतल लेकर चले जाते हैं. कई बार ग्राहकों से बोतल टूट भी जाता है. इन सबका नुकसान खुदरा व्यवसायी को उठाना पड़ता है. अतिरिक्त पैसा सिर्फ शीशा वाले बोतल के लिए लिया जाता है. प्लास्टिक बोतल व केन बोतल को प्रिंट रेट से ही बेचा जाता है.
40 के नाम पर 440 का झटका
बिजली विभाग के इइ ओमप्रकाश मेहता की माने तो दुकानदार कूलिंग व बिजली बिल का बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. कॉमर्शियल बिजली बिल का चार्ज 5.70 रुपया प्रति यूनिट है. एक दिन में साधारण फ्रीज के इस्तेमाल से अधिकतम सात यूनिट बिल लगता है. इसके लिए दुकानदार को 40 रुपया (39.90 रुपया) लगता है. हजारों का व्यवसाय करने वालों को 40 रुपया का रोना उचित नहीं लगता. इसके अलावा कुछ यूनिट हर माह बेसिक चार्ज पर भी दिया जाता है. यह बेसिक चार्ज की बात भी दुकानदारों को बताना चाहिए.
Advertisement