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Thursday, March 28, 2024

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महिला का शव एसपी आवास के समक्ष रख मांगा इंसाफ

बोकारो : जरीडीह थानांतर्गत तेतरियाडीह निवासी रीता देवी (50) का शव रविवार को एसपी आवास के समक्ष रख परिजनों ने इंसाफ की गुहार लगायी. महिला का निधन शनिवार की शाम बीजीएच में हो गया था. मृतका के मायके वालों का आरोप है कि ससुराल वालों की प्रताड़ना के कारण उसकी जान गयी. इस सिलसिले में […]

बोकारो : जरीडीह थानांतर्गत तेतरियाडीह निवासी रीता देवी (50) का शव रविवार को एसपी आवास के समक्ष रख परिजनों ने इंसाफ की गुहार लगायी. महिला का निधन शनिवार की शाम बीजीएच में हो गया था. मृतका के मायके वालों का आरोप है कि ससुराल वालों की प्रताड़ना के कारण उसकी जान गयी. इस सिलसिले में मामला भी दर्ज है.

लेकिन जरीडीह पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. घटना की सूचना पाकर मुख्यालय डीएसपी सतीश चंद्र झा, सिटी डीएसपी ज्ञान रंजन, बीएस सिटी थानेदार अजय प्रसाद व सेक्टर चार थानेदार विनोद कुमार काफी संख्या में पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे.
मुख्यालय और सिटी डीएसपी ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. डीएसपी ने यथाशीघ्र अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. एक घंटे बाद परिजन शव को गरगा श्मशान घाट अंत्येष्टि के लिए ले गये.
आश्वासन के बाद लोग शव लेकर गए श्मशान घाट : सेक्टर चार थाना पुलिस मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराने रविवार को चास स्थित सरकारी अस्पताल ले गयी थी.
पोस्टमार्टम के बाद लोग शव लेकर मृतका के सेक्टर नौ स्थित मायके जा रहे थे. रास्ते में कैंप दो स्थित एसपी आवास के सामने लोगों ने शव को गाड़ी से उतारकर सड़क पर रख दिया और मृतका के ससुराल वालों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे.
क्या है मामला
सेक्टर नौ ए, स्ट्रीट संख्या छह, आवास संख्या 1265 निवासी रीता देवी का विवाह जरीडीह थाना क्षेत्र के ग्राम तेतरियाडीह निवासी मनोज सिंह से लगभग 30 वर्ष पूर्व हुआ था. रीता देवी के मायका के सदस्यों ने बताया : विवाह के कुछ दिनों बाद से ही दहेज की मांग कर रीता को प्रताड़ित किया जाता था. रीता की फिलहाल एक 25 वर्षीय पुत्री और एक 20 वर्षीय पुत्र है.
दोनों की शादी हो चुकी है. विवाह के कुछ वर्षों बाद से ही दहेज के रूप में रुपए की मांग कर ससुराल पक्ष के सदस्य बेरहमी से मारपीट करते थे. 15 साल के बाद रीता को ससुराल वालों ने घर से निकाल कर मायके पहुंचा दिया. इसके बाद वह अक्सर अपने मायके में ही रही. मायका से जब भी रीता को ससुराल पहुंचाया जाता तो तीन-चार दिनों के बाद मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया जाता था.
ससुराल वालों ने बेहोशी की हालत में कमरे में बंद कर दिया था
रीता की माता सुबोध बाला देवी ने बताया : दिसंबर में रीता को उसकी ससुराल पहुंचाया गया था. विगत 29 दिसंबर को सुबोध बाला देवी अपने पुत्र को लेकर रीता से मिलने गयी तो वह ससुराल में एक कमरे में बेहोश पड़ी हुई थी.
ससुराल वालों ने मारपीट कर बेहोशी की हालत में रीता को एक कमरे में बंद कर दिया था. उसे खाना-पीना भी भी नहीं दिया जाता था. सुबोध बाला देवी ने 29 दिसंबर को रीता को बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया.
यहां होश में आने के बाद रीता ने बताया की उसके पति मनोज सिंह, सास कलावती देवी, देवर विनोद सिंह व देवरानी मीना देवी लाठी-डंडा और लात-घूसा से मारपीट कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था. बेहोशी की हालत में एक कमरा में बंद कर दिया गया था. पुत्री के इलाज में व्यस्त रहने के कारण घटना की प्राथमिकी सुबोध बाला देवी ने विगत चार जनवरी को जरीडीह थाना में दर्ज करायी.
मामले में रीता के पति, सास, देवर और देवरानी को अभियुक्त बनाया गया है. मामला दर्ज करने के 15 दिनों बाद भी जरीडीह थाना पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया. महिला के परिजन का कहना था की कई नेता अभियुक्तों की पैरवी कर रहे हैं. दबाव में आकर पुलिस इस गंभीर मामले के अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर रही है.
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