स्थानीय लोगों को अलग-अलग स्वाद के तिलकुट चखा रहे गया के कारीगर
बोकारो की फिज़ा में घुलने लगी तिलकुट की सोंधी खुशबू
स्थानीय लोगों को अलग-अलग स्वाद के तिलकुट चखा रहे गया के कारीगर कीमत 200 से 320 तक बोकारो : मकर संक्रांति पर्व में लगभग एक महीना शेष बचा है. पर्व की आहट हो और तिलकुट की खुशबू से बाजार गुलजार न हो. यह भला कैसे हो सकता है. बोकारो की फिजा में इन दिनों तिलकुट […]
कीमत 200 से 320 तक
बोकारो : मकर संक्रांति पर्व में लगभग एक महीना शेष बचा है. पर्व की आहट हो और तिलकुट की खुशबू से बाजार गुलजार न हो. यह भला कैसे हो सकता है. बोकारो की फिजा में इन दिनों तिलकुट की खुशबू से घुल रही है.
खुशबूदार व खास्ता तिलकुट ठंड के मौसम में बेहतर स्वाद का एहसास करा रहे हैं. लोग गुड़वाला, खोवा वाला व काला तिल के लड्डू की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. बोकारो के दुंदीबाग बाजार, सेक्टर-4 सिटी सेंटर, सेक्टर 8, सेक्टर 9, सेक्टर-3 चक्की मोड़, सेक्टर एक राम मंदिर मार्केट आदि में तिलकुट की दुकानें सजी हुई हैं.
गया से भी आये दर्जनों कारीगर तिलकुट बनाने में जुटे हुए हैं. बुधवार को दुंदीबाग बाजार के तिलकुट दुकानदार सुरेश साव, सेक्टर-3 चक्की मोड़ के संजीत साव व सेक्टर-4 सिटी सेंटर के अजीत कुमार ने कहा : ठंड के मौसम तिलकुट की मांग रहती है. हर रोज सुबह व शाम ग्राहक तिलकुट की खरीदारी के लिए आ रहे हैं.
गया के कारीगर : बाजार में तिलकुट की भारी मांग को देखते हुए कुछ दुकानदारों ने गया से कुछ कारीगरों को बुलाया है. ये कारीगर दिन-रात मेहनत कर स्वादिष्ट तिलकुट बनाने में जुटे हैं. तिलकुट बनाने वाले कारीगरों के अनुसार तिलकुट बनाने की प्रक्रिया बेहद लंबी चलती है.
ऐसे तैयार होता है तिलकुट : चीनी, गुड़, तिल, खोवा को कोयले की भठ्ठी पर उलाकर तिलकुट तैयार किया जाता है. एक्सपर्ट कारीगर व मजदूरों की कठिन मेहनत की बदौलत तिलकुट का निर्माण किया जाता है.