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वेज रिवीजन को लेकर दिल्ली में एक मार्च को होगी एनजेसीएस की बैठक

बोकारो : बीएसएल सहित सेल कर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर एनजेसीएस की पहली बैठक एक मार्च को नयी दिल्ली में होगी. इसमें पांचों मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस व बीएमएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे. बोकारो से बैठक में इंटक से वीरेंद्र चौबे, एचएमएस से राजेंद्र सिंह व एटक से रामाश्रय प्रसाद सिंह […]

बोकारो : बीएसएल सहित सेल कर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर एनजेसीएस की पहली बैठक एक मार्च को नयी दिल्ली में होगी. इसमें पांचों मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस व बीएमएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे. बोकारो से बैठक में इंटक से वीरेंद्र चौबे, एचएमएस से राजेंद्र सिंह व एटक से रामाश्रय प्रसाद सिंह बैठक में शामिल होंगे.

गौरतलब है कि वेज रिवीजन को लेकर एनजेसीएस की अंतिम बैठक वर्ष 2016 में हुई थी. उसके बाद दो साल तक कोई बैठक नहीं हुई. उल्लेखनीय है कि यह बैठक पहले 22 फरवरी को ही होनी थी.

पांच वर्ष के लिए वेज रिवीजन की मांग कर रहीं हैं यूनियनें : वेज रिवीजन को लेकर पांचों यूनियन ने पांच वर्ष के लिए एक साथ रिवीजन करने की डिमांड की है. उधर, डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीइ) की गाइड लाइन के अनुसार, रिवीजन 10 वर्ष के लिए करना है. इसमें अफोर्डेबिलिटी क्लॉज लगाया गया है.
मतलब, अगर कंपनी लगातार तीन साल तक घाटे में रहती है, तो वेज रिवीजन नहीं होगा. डीपीइ के अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को हटाने की डिमांड करते हुए यूनियन पांच वर्ष के लिए वेज रिवीजन करने की मांग कर रही है.
अफसरों की तरह वेज रिवीजन 10 वर्ष के लिए करने के संकेत
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक मार्च को होने वाली एनजेसीएस बैठक में वेज रिवीजन पर चर्चा शुरू करने की तैयारी है. इस बार प्रबंधन ने वेज रिवीजन पांच वर्ष की बजाय अफसरों की तरह 10 वर्ष के लिए करने के संकेत भी दिये हैं. एक मार्च को एनजेसीएस की बैठक होनी है. इसी माह लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू किये जाने की संभावना है. आचार संहिता लागू हो गयी तो प्रबंधन कर्मियों के हितों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर चर्चा शुरू नहीं कर सकता.
ताकि बाद में आचार संहिता लागू भी हो जाये तो हो रिवीजन
लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता को देखते हुए सेल प्रबंधन की तैयारी एनजेसीएस की बैठक में वेज रिवीजन पर चर्चा शुरू करते हुए उसे प्रक्रिया में लाने की है, ताकि बाद में आचार संहिता लागू भी हो गया तो उस पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े. वैसे भी तीन साल बाद कंपनी मामूली ही क्यों न सही, प्रॉफिट में तो आ ही गयी है. पेंशन स्कीम को मंजूरी देने के बाद वेज रिवीजन की प्रक्रिया भी शुरू करने की संभावना बढ़ गयी है. कर्मी एनजेसीएस की बैठक का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
एनजेसीएस सदस्य यूनियनों पर दबाव बनायेगा प्रबंधन
डीपीइ की गाइड लाइन में स्पष्ट है कि 10 साल के लिए वेतन समझौता करने की स्थिति में कंपनी औसत को पार ना करें. यानि 5-5 साल में होने वाले वेतन समझौते में जिस औसत को आधार बनाता रहा है, 10 साल के लिए समझौता होने पर उस औसत से अधिक न हो. सेल भले ही तीन साल बाद प्रॉफिट में है, लेकिन वह इतनी बड़ी नहीं है, जिससे कंपनी पहले के घाटों को पाट सके. लिहाजा, प्रबंधन इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए एनजेसीएस सदस्य यूनियनों पर दबाव बना सकता है.
सेल ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में बजट प्रावधान किया था
वेज रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित है. इसके लिए सेल ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में बजट प्रावधान किया था. पहले तीन तिमाही तक तो प्रबंधन वेज रिवीजन के लिए लगने वाली राशि का बजट प्रावधान करता रहा, ताकि वेज रिवीजन के लागू होने पर एरियर का भुगतान किया जा सके. लेकिन, प्रबंधन ने ऐन वक्त पर चौथी तिमाही में उस प्रावधान को हटा लिया था. उसी समय तय हो गया था कि वेज रिवीजन के लिए कर्मियों को इंतजार करना पड़ सकता है.

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