बोकारो में खत्म होने लगा नोटबंदी का असर
एक साल में नौ प्रतिशत का इजाफा बोकारो : सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) को रोजगार के लिए सबसे उपर्युक्त माना जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में माना गया कि नोटबंदी के बाद एमएसएमइ सेक्टर को नुकसान पहुंचा है. नये उद्यम स्थापित नहीं हो रहे है. लेकिन, बोकारो की हालिया रिपोर्ट की […]
एक साल में नौ प्रतिशत का इजाफा
बोकारो : सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) को रोजगार के लिए सबसे उपर्युक्त माना जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में माना गया कि नोटबंदी के बाद एमएसएमइ सेक्टर को नुकसान पहुंचा है. नये उद्यम स्थापित नहीं हो रहे है. लेकिन, बोकारो की हालिया रिपोर्ट की माने तो एमएसएमइ बाजार एक बार फिर से गुलजार हो रहा है. जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की रिपोर्ट की माने तो चार तिमाही में एमएसएमइ क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. मतलब इस सेगमेंट में कर्ज लेने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है.
2017 के पहले तिमाही में यानी नोटबंदी के छह माह बाद बैंकों ने देय लक्ष्य का सिर्फ 12.48 प्रतिशत ही पूरा हो पाया था.
3395 लोगों ने 9152.57 लाख रुपया का कर्ज इस सेगमेंट में लिया था. वहीं 2018 के समानांतर तिमाही में 4036 लोगों ने 13016.04 लाख का लोन लिया, इससे देय लक्ष्य 16.42 प्रतिशत पूरा हुआ.2017 की दूसरी तिमाही में यानी नोटबंदी के नौ माह बाद जिला के सभी बैंक ने 9261 आवेदक को एमएसएमइ के तहत कर्ज मुहैया कराया, जो कि देय लक्ष्य का 26.77 प्रतिशत था. इस दौरान 19628.07 लाख का लोन वितरण किया गया. 2018 के द्वितीय तिमाही में 10816 लोगों को 28420.47 लाख का लोन दिया गया. इससे टारगेट का 35.85 प्रतिशत हिस्सा पूरा किया गया.
एनपीए भी हुआ कम
आंकड़ा इसलिए उत्साहित करने वाला है, क्योंकि एक ओर जहां पहले के मुकाबले ज्यादा कर्ज दिया गया, वहीं दूसरी ओर एनपीए में भी कमी आयी है. 2017-18 की दूसरी तिमाही के मुकाबले इस साल एनपीए में 1914 लाख की कमी आयी है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 26788.72 लाख की राशि एनपीए है, जबकि 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह 28702.98 लाख थी.
एमएसएमइ के हर विभाग में आयी उछाल आयी (वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही)
सेगमेंट 2017 कर्ज 2018 कर्ज
माइक्रो 6506.21 8780.45
स्मॉल 10513.91 15690.71
मीडियम 19628.07 28420.47 नोट : राशि (लाख में)
बैंक एमएसएमइ सेक्टर में बेहतर काम कर रहे हैं. वर्तमान में इस सेक्टर में और तेजी आयी है. सभी बैंक को खास निर्देश दिया गया है. वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया जायेगा.
दिलीप कुमार मजूमदार, एलडीएम, बैंक ऑफ इंडिया, बोकारो
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