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31 दिसंबर तक राज्य से उग्रवाद का सफाया

बोकारो: 31 दिसंबर तक हर हाल में राज्य से उग्रवाद का सफाया हो जायेगा़ उग्रवादी इस तारीख से पहले सरेंडर कर दे, नहीं तो उन्हें राज्य से बाहर खदेड़ दिया जायेगा या तो एनकाउंटर में मारे जायेंगे. उक्त बातें जैप के डीआइजी सुधीर कुमार झा ने कही़ वह जैप चार के स्थापना दिवस समारोह के […]

बोकारो: 31 दिसंबर तक हर हाल में राज्य से उग्रवाद का सफाया हो जायेगा़ उग्रवादी इस तारीख से पहले सरेंडर कर दे, नहीं तो उन्हें राज्य से बाहर खदेड़ दिया जायेगा या तो एनकाउंटर में मारे जायेंगे. उक्त बातें जैप के डीआइजी सुधीर कुमार झा ने कही़ वह जैप चार के स्थापना दिवस समारोह के दौरान सेक्टर 12 स्थित जैप चार के मैदान में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे़ इससे पूर्व स्थापना दिवस समारोह को लेकर जैप चार के लगभग आधा दर्जन प्लाटून द्वारा मनमोहक परेड प्रस्तुत किया गया.

मुख्य अतिथि सुधीर कुमार झा, जैप चार के समादेष्टा नौशाद आलम व जैप तीन गोविंदपुर के समादेष्टा निधि द्विवेदी ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया़ कार्यक्रम के दौरान जैप चार के वैसे जवानों व अधिकारियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है़ एसआइआरबी की महिला बटालियन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया़.

संयंत्र के निर्माण के लिए जैप चार को बोकारो लाया गया : मुख्य अतिथि सह जैप चार के डीआइजी श्री झा ने कहा : राज्य पुलिस के महानिदेशक ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि उग्रवादी 31 दिसंबर से पहले सरकार के समक्ष आत्मसर्मपण करें, नहीं तो उनका सफाया कर दिया जायेगा़ राज्य में उग्रवाद के सफाया में जैप की भूमिका महत्वपूर्ण है़ राज्य से उग्रवाद के सफाया के लिए जैप चार नियमित रूप से उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चला रही है़ जैप चार के 55 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए श्री झा ने कहा कि वर्ष 1962 में बिहार के जमालपुर (मुंगेर क्षेत्र) में बीएमपी की स्थापना की गयी थी़ उस समय यह क्षेत्र अपराध के लिए पूरे भारत में जाना जाता था़ उक्त क्षेत्र से अपराध के खात्में के लिए इस बटालियन की स्थापना हुई थी़ वर्ष 1970 के दौरान एशिया के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र का निर्माण बोकारो में हो रहा था़ संयंत्र के निर्माण के दौरान कुछ संगठन द्वारा लगातार आंदोलन कर निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही थी़.

संयंत्र के निर्माण में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो इस कारण तत्कालीन बिहार सरकार ने वर्ष 1970 में इस बटालियन को बोकारो भेज दिया, जो राज्य बंटवारा के बाद जैप चार के नाम से जाना जाता है़ देश की हर हिस्से में चुनाव व अशांति के माहौल में जैप चार को स्थिति नियंत्रित करने के लिये लगाया जाता है़ जैप चार के जवान व अधिकारी हर समय देश सेवा में अपनी मुख्य भूमिका निभाते है़ जैप चार के समादेष्टा मो नौशाद आलम ने कहा : बोकारो इस्पात संयंत्र के स्थापना के लिए बोकारो में स्थापित हुई जैप चार वाहिनी को अब भारत के हर कोने में शांति स्थापित करने के लिए बुलायी जाती है़ फिलहाल गुजरात चुनाव में जैप चार वाहिनी के अधिकारी व जवान गये हुए है़ं राज्य के मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा भी जैप चार के हाथों में है़.

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