भागलपुर : विक्रमशिला सहित लंबी दूरी की सभी ट्रेनों के एसी में सफर करने वाले वीआइपी पैसेंजरों के लिए राहत भरी खबर है. यात्रियों को सफर के दौरान गंदे कंबल व बेडशीट नहीं ओढ़ने पड़ेंगे. यात्रियों की लगातार शिकायत के बाद रेलवे बेडरोल (कंबल व बेडशीट) पर इलेक्ट्रानिक टैगिंग करने की तैयारी में है. रेलवे बोर्ड ने भी इसकी फिजिबिलिटि ढूंढ़ने का निर्देश जारी किया है. यानी, इसे कैसे इंप्लीमेंट किया जाये, इसका इसका उपाय ढूंढ़ कर बताने को कहा गया है.
भागलपुर रेलवे के कैरेज एंड वैगन के बेडरोल सेक्शन की टीम द्वारा उपाय ढूंढ़ा जा रहा है, जिससे कि रेलवे को अपनी राय दे सके. इधर, यह नयी व्यवस्था जब लागू होगी तो बेडरोल के वॉशिंग का डेट पता चलता रहेगा. इस सुविधा से सफर के दौरान यात्रियों को ट्रेन में गंदे बेडरोल की समस्या से जूझते नहीं रहना पड़ेगा.
दो सप्ताह में मिल जायेगा रिमाइंडर: रेलवे के अनुसार दो सप्ताह के अंदर बेडशीट व कंबल की वॉशिंग नहीं होती है तो रेलवे को रिमाइंडर अपने आप मिल जायेगा. इलेक्ट्रानिक टैगिंग से यह मुमकिन होगा.
दरअसल, उसमें एक बार कोड होगा. जिसे हर वॉश के समय स्कैनर से स्कैन कर उसका डाटा कंप्यूटर में फीड किया जायेगा. वॉशिंग के बाद कंबल अगर 15 दिन में दोबारा वॉशिंग के लिए लांउड्री नहीं पहुंचा तो कंप्यूटर सिस्टम से अलर्ट जारी होने लगेगा.
यात्रियों की शिकायत के बाद कंबल व बेडशीट पर इलेक्ट्राॅनिक टैगिंग करने की तैयारी
रेलवे के कैरेज एंड वैगन ने बेडरोल सेक्शन से कहा है फिजिबिलिटि तलाश कर बतायें
नयी व्यवस्था लागू होने से तय सीमा में वाशिंग न होने पर मिल जायेगा रिमाइंडर
जानें, कैसे की जायेगी मॉनीटरिंग
शाॅपिंग मॉल की तरह हर एक कंबल की टैगिंग की जायेगी. इसमें एक बार कोड होगा, जिसे हर बार वॉशिंग के समय स्कैन कर उसका डाटा कंप्यूटर में फीड किया जायेगा. हर एक कंबल का एक आइडी नंबर बनाया जायेगा. जो उसकी टैगिंग पर दर्ज होगी. डिविजनल ऑफिसर 15 दिन तक कंबल की वॉशिंग न होने पर अलर्ट जारी होने के बाद उसकी आइडी नंबर से उसे ट्रेन से आसानी से खोज भी लेगा.
जानें, महत्वपूर्ण बातें
- 42 जोड़ी ट्रेनों का रोजाना होता अप-डाउन परिचालन
- पांच जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों में जाता है बेडरोल
- अभी तक एक माह में होती है कंबल की वॉशिंग
- 15 सितंबर से शुरू होगी यह नयी सुविधा
- बेडरोल वाले 1500 यात्रियों का होता है डेली मूवमेंट