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बाढ़ के दौरान जान-माल की क्षति हुई, तो अभियंता जिम्मेदार, होगी कड़ी कार्रवाई

भागलपुर : बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने रविवार को डीआरडीए सभाकक्ष में कटिहार परिक्षेत्र के अधीन बाढ़ प्रमंडल की पूर्व तैयारियों की समीक्षा व कटाव निरोधक कार्यों की योजनावार समीक्षा की. बैठक में मंत्री ने कहा कि भ्रणम के दौरान बिनटोली इस्माइलपुर व चोरहर में फ्लड कंट्रोल का कार्य अच्छा […]

भागलपुर : बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने रविवार को डीआरडीए सभाकक्ष में कटिहार परिक्षेत्र के अधीन बाढ़ प्रमंडल की पूर्व तैयारियों की समीक्षा व कटाव निरोधक कार्यों की योजनावार समीक्षा की. बैठक में मंत्री ने कहा कि भ्रणम के दौरान बिनटोली इस्माइलपुर व चोरहर में फ्लड कंट्रोल का कार्य अच्छा हुआ है.

सभी प्रमंडल में अभियंता को निर्देश दिया कि एसओपी के अनुसार सारी तैयारी कर लें. अगर कहीं तैयारी में त्रुटि रहेगी या जान माल की क्षति हुई, तो इसके लिए वे सीधे-सीधे जिम्मेदार होंगे और कार्य में लापरवाही होने पर वे बख्शे नहीं जायेंगे.
अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया व कहलगांव ने फ्लड फाइटिंग की व्यवस्था करने के लिए जो बिंदु चिह्नित किया है, उस पर तुरन्त अभियंता पहल करें. वहां कटाव निरोधी कार्य कर दें. विभाग पूरा सहयोग करेगा. किसी भी प्रकार की कोई कमी नही रहनी चाहिए. टीम वर्क से सभी अधिकारी कार्य करेंगे. तैयारी दुरुस्त रहनी चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो. जरूरत महसूस हुआ, तो वे भी साइट पर जायेंगे.
रानी दियारा की सक्षम समिति से जांच हो : भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि नवगछिया व कहलगांव में बाढ़ की समस्या रही है. रानी दियारा के संबंध में सक्षम समिति से जांच करा ली जाये.
पूर्व में जो टीम आयी थी, उनकी जांच पर लोगों ने आपत्ति की थी. जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव को जानकारी दी कि नवगछिया में जमींदारी बांध से बगजान जानेवाली छह किलोमीटर की पीचिंग किया जाना आवश्यक है, जिससे यात्रा सुगम हो जायेगा. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कटावग्रस्त क्षेत्र के लोगों को बसाने के लिए कार्रवाई की जाये.
इसके पूर्व बाढ़ की तैयारी के संबंध में अधीक्षण अभियंता कटिहार व पूर्णिया ने कहा कि जितनी भी योजना बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा चालायी जा रही थी, वह सभी पूर्ण कर ली गयी है. बांध की मरम्मत का काम पूर्ण कर लिया गया है. कटिहार में 43 योजना पूर्ण कर ली गयी है.
बैठक में जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता (राजस्व), अपर समाहर्ता (विभागीय जांच), जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी (आपदा शाखा), डीआरडीए निदेशक के साथ-साथ भागलपुर, नवगछिया, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज के मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता व जिला के अन्य विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे.
वाट्स-एप ग्रुप कर लें तैयार, सूचना मिलते ही हो जाएं सक्रिय
वाट्स-एप ग्रुप लोकल पदाधिकारी, अभियंता, प्रशासनिक पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व मुख्यालय का तैयार कर लेंगे. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के ग्रुप से भी सभी पदाधिकारी टैग रहेंगे. अपना मोबाइल सभी पदाधिकारी चालू रखेंगे. कोसी, गंडक प्रक्षेत्र में समस्या रहती है.
इस पर ज्यादा निगरानी रखें. जो भी तटबंध है, उसकी सुरक्षा मुकम्मल करेंगे. पूर्णिया, अररिया, किशनगंज व कटिहार जिले में बाढ़ की समस्या होती है. सभी अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता फ्लड फाइटिंग के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. जरूरत पड़ने पर तुरंत मुख्यालय को सूचना देंगे.
संवेदनशील क्षेत्रों में प्रति किलोमीटर पर एक चौकीदार
संवेदनशील स्थानों पर प्रति किलोमीटर पर चौकीदार की प्रतिनियुक्ति करने, अल्प सूचना पर रिसाव या कटाव होने पर तुरंत उसकी मरम्मत करने का मंत्री ने निर्देश दिया. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि तटबंध की समस्या अलग तरह की है. जलस्तर बढ़ने पर दिन रात फ्लड फाइटिंग एक्टिविटिज सुनिश्चित करेंगे.
लक्ष्य के अनुसार विभागीय निर्देश के आलोक में 10 हजार बालू भरा बैग तैयार रखेंगे और सुरक्षित स्थान पर 50 हजार बालू भरी बोरी तैयार रखेंगे. उसे पॉलीथिन से ढंक कर रखेंगे. इसमें कोताही नहीं बरतेंगे. मोबाइल वैन तैयार रखेंगे. लेबर कैंप बनवा देंगे. पर्याप्त मात्र में जेनरेटर की व्यवस्था रखेंगे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके.
स्पर टूटने के लिए ही कराया जाता है निर्माण
भागलपुर . जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि स्पर टूटने के लिए ही निर्माण कराया जाता है. स्पर टूटेगा नहीं, तो बाढ़ के पानी के दबाव से तटबंध क्षतिग्रस्त हो जायेगा. जल संसाधन मंत्री बैठक के उपरांत डीआरडीए भवन के सभागार में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि कटाव रोकने के लिए 43 योजनाओं को लिया गया था, जिसका मरम्मत व निर्माण कार्य पूरा हो गया है. कार्य से वह संतुष्ट हैं. उन्होंने बताया कि तटबंध का निरीक्षण किया है. कटाव से बचाव के लिए मेटेरियल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
कुछ तैयारी बची है, जिसे पूरा करने से संबंधित जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर तटबंध के नहीं रहने से होने वाले नुकसान के सवाल पर उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय में फ्लड फाइटिंग व कटाव निरोधी कार्य कराया जाता है. इस बार भी बाढ़ के समय में उक्त सभी कार्य होंगे.

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