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पुलिस को अनुसंधान में मिले कई नये तथ्य, आरोपित से पूछताछ जारी

भागलपुर : अलीगंज एसिड अटैक मामले के चार दिन बीतने के बाद भी भागलपुर पुलिस अबतक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है. एक तरफ जहां पुलिस पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारियों का लगातार प्रेशर बना हुआ है, वहीं शहर के लोग खासकर युवा लगातार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए तरह-तरह […]

भागलपुर : अलीगंज एसिड अटैक मामले के चार दिन बीतने के बाद भी भागलपुर पुलिस अबतक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है. एक तरफ जहां पुलिस पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारियों का लगातार प्रेशर बना हुआ है, वहीं शहर के लोग खासकर युवा लगातार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए तरह-तरह के अभियान से जुड़ते जा रहे हैं.

मामले में पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराये गये केस के नामजद आरोपित प्रिंस और पीड़िता के 161 के बयान में राजा यादव का नाम आने के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है.
अबतक हुई जांच में पुलिस जिन बिंदुओं पर जांच कर रही है, उनमें मोहल्ले में होने वाली अड्डेबाजी, जिसका विरोध पीड़िता और उसके पिता करते थे. मोहल्ले में युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी और टोंट, घटना की रात पीड़िता के घर से लेकर मायागंज अस्पताल तक पीछा करने वाले दो संदिग्ध लोग आदि बिंदुआें पर पुलिस पूर्व से ही जांच कर रही है.
इसके अलावा मंगलवार को जांच के दौरान जाे बातें सामने आयी हैं, उनमें पीड़िता के भाई और एक लड़के के बीच कुछ माह पहले हुई मारपीट की बात भी शामिल है. पुलिस उक्त सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच कर रही है, लेकिन अभी तक घटना के कारणों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है.
बता दें कि जोनल आइजी के निर्देश पर भागलपुर जोन के मुंगेर जिला के दो पुलिस पदाधिकारी एसआइ रोहित सिंह और एसआइ राजेश कुमार रंजन को भी मामले की जांच के लिए भागलपुर बुलाया जा चुका है.
इसके अलावा भागलपुर शहर के अधिकांश थानाध्यक्षों को मामले में गठित एसआइटी में शामिल किया गया है. पर अभी तक मामले में कोई भी ठोस बात निकलकर नहीं आ सकी है. इधर पुलिस ने जगदीशपुर निवासी अभिषेक और गंगटी निवासी मनीष यादव को हिरासत में रखकर लगातार पूछताछ कर रही है.
तीन युवक घटना के बाद से ही हैं फरार, पुलिस को सात की तलाश: अनुसंधान के दौरान सात अन्य संदिग्ध लोगों का नाम सामने आया है. जिनकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस उक्त लोगों को हिरासत में लेगी और पूछताछ करेगी. जिन सात लोगों की पुलिस को तलाश है उनमें तीन लोग घटना के बाद से ही अपने घरों से फरार हैं.
फरार लोगों में प्रशांत, रंजीत और रीशू शामिल है. इसके अलावा पुलिस को मोनू झा, सावन और लल्ला की भी तलाश है. पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले डब्लू यादव नामक व्यक्ति को भी पुलिस खोज रही है.
दो संदिग्ध की पहचान के लिए खंगाले गये सीसीटीवी फुटेज: अनुसंधान के क्रम में पुलिस को यह सूचना मिली थी कि एसिड अटैक की घटना के बाद जब पीड़िता को उसके परिजन घर से मायागंज अस्पताल लेकर जा रहे थे, उस वक्त एक बाइक पर बैठे दो लोगों ने उनका पीछा मायागंज अस्पताल तक किया.
यही नहीं मायागंज अस्पताल में पीड़िता के ऑपरेशन थियेटर से निकलने और मां-पिता के द्वारा दिये गये बयान दिये जाने तक वे लोग अस्पताल में ही मौजूद रहे.
मामला संज्ञान में आने के बाद मंगलवार को एसआइटी ने मायागंज अस्पताल समेत अलीगंज से लेकर मायागंज अस्पताल तक आधा दर्जन सीसीटीवी फुटेज काे निकाला है. जिसमें मंगलवार को पुलिस ने मायागंज अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की. कुछ संदिग्धों की तस्वीर निकाली गयी है.
हाइ प्रोफाइल मामला होने की वजह से थानाध्यक्ष को बनाया गया अनुसंधानकर्ता: अलीगंज एसिड अटैक मामले में मोजाहिदपुर (बबरगंज) थाना में 19 अप्रैल 2019 को दर्ज कराये गये कांड संख्या 107/19 मामले में बबरगंज थाना में प्रतिनियुक्त एसआइ आरएन सिंह को अनुसंधानकर्ता(आइओ) बनाया गया था.
मामला हाइ प्रोफाइल होने की वजह से वरीय अधिकारियों के निर्देश पर केस के आइओ को बदल दिया गया है. उक्त मामले की जांच का जिम्मा बबरगंज थानाध्यक्ष एसआइ मिथिलेश कुमार चौधरी को दिया गया है.
मजिस्ट्रेट से बयान करने की अपील करने वाराणसी जायेंगे थानाध्यक्ष
कार्यपालक दंडाधिकारी की मौजूदगी में सोमवार को महिला थाना प्रभारी के नेतृत्व में वाराणसी के स्मयन हॉस्पिटल पहुंची भागलपुर पुलिस की टीम ने पीड़िता का 161 का बयान दर्ज किया था. मामले से संबंधित कागजात को ठोंस करने के लिये रेंज डीआइजी ने एसएसपी को निर्देश दिया था कि जुडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीड़िता का बयान दर्ज किया जाना चाहिए.
इसके लिये डीआइजी ने वाराणसी गयी भागलपुर पुलिस की टीम को वाराणसी कोर्ट में जुडिशियल मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त कर बयान दर्ज करवाने के लिये अपील करने का निर्देश दिया था.
इस बाबत जब भागलपुर पुलिस सोमवार को वाराणसी कोर्ट पहुंची तो वहां इस बात की जानकारी मिली कि उक्त मामले में केस के अनुसंधानकर्ता (आइओ) ही कोर्ट में अपील कर सकते हैं. इसके लिये डीआइजी विकास वैभव ने जल्द ही केस के अनुसंधानकर्ता सह बबरगंज थानाध्यक्ष को वाराणसी जाने का निर्देश दिया है.

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