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विक्रमशिला सेतु की मरम्मती व जमालपुर में नन इंटरलॉकिंग के कारण बढ़ी परेशानी, जमालपुर स्टेशन पर थम गया रेल का पहिया

जमालपुर/भागलपुर : पूर्व रेलवे मालदा रेल मंडल के जमालपुर स्टेशन पर अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड रूट रिले इंटरलॉकिंग (सीआरआरआइ) के अंतिम चरण का नन इंटरलॉकिंग काम गुरुवार से शुरू हो गया. प्रातः 9:45 बजे एसआइ-4 मेमो पर यहां पहुंची मालदा की मंडल रेल प्रबंधक तनु चंद्रा और जमालपुर के एएसएम के हस्ताक्षर होते ही वहां उपस्थित अधिकारियों […]

जमालपुर/भागलपुर : पूर्व रेलवे मालदा रेल मंडल के जमालपुर स्टेशन पर अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड रूट रिले इंटरलॉकिंग (सीआरआरआइ) के अंतिम चरण का नन इंटरलॉकिंग काम गुरुवार से शुरू हो गया. प्रातः 9:45 बजे एसआइ-4 मेमो पर यहां पहुंची मालदा की मंडल रेल प्रबंधक तनु चंद्रा और जमालपुर के एएसएम के हस्ताक्षर होते ही वहां उपस्थित अधिकारियों ने तालियां बजाई जिसके साथ ही जमालपुर के ईस्ट, वेस्ट और लिंक केबिन के डिस्मेंटल काम भी शुरू हो गया. जमालपुर में लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक सीआरआरआइ का काम किया जा रहा है.
इसके कारण 29 सितंबर तक जमालपुर पहुंचने वाली 19 ट्रेनें रद्द रहेंगी, 38 ट्रेनों के रूट बदले जायेंगे, 12 जोड़ी ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट होंगी, तो 6 जोड़ी ट्रेन बगैर जमालपुर पहुंचे आसपास के स्टेशनों से ही वापस लौट जायेंगी.
24 घंटे काम करेंगे 400 मानव बल : रेलवे के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) जितेंद्र कुमार ने बताया कि ईस्ट, वेस्ट और लिंक केबिन के क्षेत्राधिकार में डिसमेंटल कार्य को लगातार जारी रखा जाएगा और इस क्रम में लगभग डेढ़ सौ सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों सहित 400 से अधिक मानव बल 24 घंटे कार्य को अंजाम देंगे.
इन मजदूरों के खाने पीने की व्यवस्था भी नवनिर्मित सीआरआरआइ भवन के निकट की गयी है. इसके कारण जमालपुर रेलवे स्टेशन और केबिन के निकट मजदूरों के ‘जोर लगाकर हैया’ और ‘जय बजरंगबली जय श्रीराम के नारे’ लगातार गूंज रहे हैं. हालांकि गुरुवार लगभग 2:15 बजे जमालपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में मूसलधार बारिश होने लगी, परंतु फिर भी ये मजदूर अपने कामों को अंजाम देते रहे.
कई दैत्याकार मशीनों का भी किया जा रहा उपयोग : जमालपुर में भारतीय रेल के अत्याधुनिक सीमेंस के उपकरण लगाये जा रहे हैं और यही कारण है कि इसकी तैयारी में भी कई दैत्याकार उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है. बताया गया कि इस दौरान टी-ट्वेंटी जैसी शक्तिशाली मशीन यहां लायी गयी है, जो एक बार में लगभग 70 मीटर रेलवे ट्रैक, पॉइंट और क्रॉसिंग तथा स्लीपर के लेयिंग को एक साथ उठा कर निर्धारित स्थान पर पहुंचा देता है.
दूसरी ओर हाइड्रा और पोकलेन जैसी मशीनें भी उपयोग में लाई जा रही है. मानव बल और मशीनों का एक साथ कई जगहों पर अलग-अलग उपयोग किया जा रहा है. बताया गया कि इस दौरान मार्शलिंग यार्ड के 12, पैसेंजर ट्रेन के 5 और लोको यार्ड के कुल 4 रेलवे ट्रैक पर काम शुरू किया गया है.
वैकल्पिक रूप से बस सेवा की हुई शुरुआत : सीआरआरआइ कार्य को लेकर कोई भी ट्रेन आगामी 29 सितंबर तक जमालपुर नहीं पहुंचेगी. इससे प्रतिदिन हजारों रेलयात्री प्रभावित होंगे. अधिकृत रूप से बताया गया कि मालदा की डीआरएम तनु चंद्रा के निर्देश पर सीनियर डिविजनल ऑपरेटिंग मैनेजर अमरेंद्र कुमार मौर्या ने मुंगेर के जिलाधिकारी आनंद कुमार शर्मा से यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर वैकल्पिक रूप से बस सेवा के लिए अनुरोध किया था.
इसके बारे में मुंगेर के जिला परिवहन पदाधिकारी रामाशंकर ने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की सहमति से सीआरआरआइ कार्य के दौरान 20 से 29 सितंबर तक किऊल-जमालपुर-भागलपुर रेल खंड के धरहरा रेलवे स्टेशन से बरियारपुर रेलवे स्टेशनों के बीच 5 जोड़ी बस परिचालन की स्वीकृति दी गयी है. इसके लिए मुंगेर प्रतिष्ठान के अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह द्वारा बसें उपलब्ध करायी गयी हैं.
वरीय रेल अधिकारी जमालपुर में कर रहे कैंप : रेल नगरी जमालपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि 10 दिनों के लिए ट्रेन परिचालन बंद हो गया है. इसको लेकर मंडल रेल प्रबंधक तनु चंद्रा की अगुवाई में दर्जनों रेल अधिकारी जमालपुर में कैंप कर रहे हैं. इन अधिकारियों में सीनियर डिविजनल ऑपरेटिंग मैनेजर अमरेंद्र कुमार मौर्य, सीनियर डिविजनल सिगनल एंड टेलीकॉम इंजीनियर विकास चतुर्वेदी, सीनियर डिविजनल इंजीनियर (समन्वय) सुखबीर सिंह, डिविजनल ट्रेफिक इंस्पेक्टर जनार्दन प्रसाद, भागलपुर के एरिया अफसर आलोक कुमार सिंह मुख्य रूप से शामिल हैं.

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