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Friday, March 29, 2024

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नौ घंटे छात्रों के कब्जे में रहा स्टेशन पुलिस को खदेड़ा, हंगामा, तोड़फोड़

एसडीओ के समझाने पर थमा आक्रोश -छात्रों को रोकने पहुंचे जीआरपी थानाध्यक्ष व पुलिस से धक्का-मुक्की -वनांचल एक्सप्रेस में छात्रों ने की तोड़फोड़ -दो लाख से अधिक नुकसान का अनुमान यह थी मांग रेलवे में सभी रिक्त पदों पर अविलंब बहाली हो भागलपुर : रेलवे में चार साल से बहाली नहीं होने के कारण छात्रों […]

एसडीओ के समझाने पर थमा आक्रोश

-छात्रों को रोकने पहुंचे जीआरपी थानाध्यक्ष व पुलिस से धक्का-मुक्की
-वनांचल एक्सप्रेस में छात्रों ने की तोड़फोड़
-दो लाख से अधिक नुकसान का अनुमान
यह थी मांग
रेलवे में सभी रिक्त पदों पर अविलंब बहाली हो
भागलपुर : रेलवे में चार साल से बहाली नहीं होने के कारण छात्रों का गुस्सा शुक्रवार को भागलपुर रेलवे स्टेशन पर फूट पड़ा. दोपहर साढ़े 12 बजे ही छात्रों का जत्था नारेबाजी करते हुए स्टेशन पहुंच गया और बारी-बारी से ट्रेनों को रोकते गये. छात्रों ने कुल पांच ट्रेनों को रोक दिया. छात्रों को रोकने पहुंचे जीआरपी इंस्पेक्टर व पुलिस जवानों को आक्रोशित छात्रों ने खदेड़ दिया.
धक्का-मुक्की भी की. शाम सात बज कर पांच मिनट पर रांची जानेवाली वनाचंल एक्सप्रेस को भी छात्रों ने रोेक दिया और चालक के साथ धक्का-मुक्की की. चालक इंजन छोड़ कर भाग गये. रात करीब सवा नौ बजे छात्रों का आक्रोश तभी थमा, जब एसडीओ ने
उनसे कहा कि रेल अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई है. 15 से 20 दिनों के भीतर उनकी बातें केंद्र सरकार तक पहुंच जायेगी. छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी. इसके बाद 9.25 बजे डीएमयू को पश्चिमी केबिन से दो नंबर प्लेटफॉर्म पर लाया गया.
फिर सभी ट्रेनें रवाना होती गयी. इससे पहले छात्र तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर और पूरे शहर का भ्रमण करते हुए जुलूस की शक्ल में स्टेशन पहुंचे. एक दिन पहले गुरुवार को छात्रों ने मशाल जुलूस निकालकर रेल चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी.
जिन ट्रेनों को रोका गया था, उनमें जमालपुर-मालदा इंटरसिटी, जनसेवा एक्सप्रेस, साहेबगंज भागलपुर इंटरसिटी, जमालपुर डीएमयू पैसेंजर और वनांचल एक्सप्रेस शामिल थे. शाम छह बजे से छात्र पटरी से प्लेटफॉर्म पर आये और जमकर उत्पात मचाया, जिससे यात्री सहम गये. छात्रों के डर से वनांचल एक्सप्रेस के यात्रियों ने बोगी के दरवाजे और खिड़की तक बंद कर लिये. देर शाम छात्रों के प्रदर्शन में घुस आये कुछ उपद्रवियों ने पूछताछ काउंटर का शीशा तोड़ डाला. इससे यात्री डर गये और भागने लगे. 12 थानाें की पुलिस स्टेशन पहुंच गयी थी. छात्र रेलवे में वैकेंसी की मांग कर रहे थे. रात तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था.
घटना अनियंत्रित, दोपहर बाद पहुंची जिले की पुलिस
दोपहर बाद जिला पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया. शाम करीब छह बजे जमालपुर मालदा इंटरसिटी के यात्री वनांचल एक्सप्रेस में सवार हो गये. इससे छात्र आक्रोशित हो गये और वनांचल एक्सप्रेस में तोड़फोड़ शुरू कर दी. छात्रों ने वनांचल एक्सप्रेस के ड्राइवर से भी मारपीट की. इससे यात्रियों में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. छात्रों ने मालदा जमालपुर डीएमयू को आउटर पर रोक दिया. गुस्साये छात्रों को दौड़ते हुए पहुंचता देख जमालपुर डीएमयू में सवार यात्री कूद कर भागने लगे. ट्रेन के चालक को पीटने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने गेट ही नहीं खोला. मालदा जमालपुर इंटरसिटी के अधिकतर यात्री सड़क मार्ग से जमालपुर के लिए निकल गये.
रेल मंत्री से बात कराइए, और किसी की नहीं सुनेंगे
एसडीओ सुहर्ष भगत, मुख्यालय डीएसपी रमेश कुमार व जगदीशपुर के सीओ छात्रों को समझाने पहुंचे, पर वे नहीं माने. इसके बाद छात्रों की बात मोबाइल पर डीआरएम से भी करायी गयी, लेकिन वे उनकी भी सुनने को तैयार नहीं थे. सलाउद्दीन अहसन, वर्दी खां की बात भी छात्रों ने नहीं मानी. स्टेशन डायरेक्टर, स्टेशन अधीक्षक, आरपीएफ मालदा के इंस्पेक्टर ने भी बात करने की कोशिश की, लेकिन छात्र नहीं माने. वे रेल मंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात कराने की मांग कर रहे थे.
कोचिंग संचालकों की भूमिका!
आंदोलन के दौरान कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि छात्रों को भड़काने में कुछ कोचिंग संचालकों की भी भूमिका है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. भागलपुर में रेलवे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करानेवाले कई कोचिंग चलते हैं. रेलवे की बहाली नहीं होने से कोचिंग खाली पड़ गये हैं. इस कारण कुछ संस्थानों द्वारा छात्रों को भड़काने की बात कही जा रही थी. लोग यह भी कह रहे थे कि एक रेलवे स्टेशन पर हुए आंदोलन से देश भर के लिए बहाली संभव नहीं है. कुछ कोचिंग संचालकों को पुलिस उपद्रव के दौरान खोज भी रही थी.
1000 से भी ज्यादा छात्र थे आंदोलन में शामिल, नारेबाजी करते हुए रोकते गये ट्रेन
फिर करेंगे चक्का जाम
छात्रों ने कहा कि प्रशासन ने रेलवे की तरफ से भरोसा दिलाया है कि एक माह में समस्या का समाधान होगा. अगर नहीं होता है तो, 15 जनवरी को दही-चूड़ा के साथ आयेंगे और फिर से रेल चक्का जाम करेंगे.
छात्रों को अपनी मांग एक नियम के तहत प्रशासन के पास पहुंचाना चाहिए था, जिससे उनकी समस्या सरकार तक पहुंचायी जाती. आंदोलन का यह तरीका ठीक नहीं है.
मां, मुझे माफ करना
मैं नहीं आ पायी
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