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मुश्किल में िनगम के उप महापौर

एलईडी लाइट मामला . उप महापौर पर मामला दर्ज करने को भेजा अनुमोदन तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त पर प्रपत्र क गठित बेगूसराय : बेगूसराय नगर निगम एलइडी लाइट लगाने में गड़बड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा . नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा इस संबंध में तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त अरविंद […]

एलईडी लाइट मामला . उप महापौर पर मामला दर्ज करने को भेजा अनुमोदन

तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त पर प्रपत्र क गठित
बेगूसराय : बेगूसराय नगर निगम एलइडी लाइट लगाने में गड़बड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा . नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा इस संबंध में तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त अरविंद पासवान के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई चलाने एवं बेगूसराय नगर निगम के उप महापौर राजीव रंजन पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए अनुमोदन मंत्रालय के पास भेजा गया है.
क्या है पूरा मामला:प्रस्तुत मामला अरविंद पासवान तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त बेगूसराय द्वारा रामचरित्र पासवान नाजिर सह प्रधान सहायक नगर निगम बेगूसराय एवं कनीय अभियंता का बिल,वाउचर,रोकड़ पंजी, लेजर,अभिलेख आदि के साथ पटना बुलाकर पटना के एक होटल में विपत्रों को पारित कराने से संबंधित है. बताया जाता है कि पटना के एक होटल में प्रभारी नगर आयुक्त के द्वारा नगर निगम के नाजिर,कनीय अभियंता को बुलाकर विपत्रों आदि को पारित करने की खबर तत्कालीन उप महापौर राजीव रंजन को भी हो गयी. इसके बाद वे पटना पहुंच गये.
इस दौरान नाजिर एवं कनीय अभियंता से अभिलेख छिनने एवं प्रभारी नगर आयुक्त के साथ भी गाली-गलौज करने का मामला प्रकाश में आया था. इस घटना के बाद रामचरित्र पासवान नाजिर के द्वारा 28.06.16 को दो आवेदन दिये गये. एक आवेदन महापौर को लिखा गया जिसमें उन्होंने प्रभारी नगर आयुक्त के द्वारा संचिका गायब कर फरार रहने का आरोप लगाया. दूसरा आवेदन प्रभारी नगर आयुक्त को लिखा गया. जिसमें उप महापौर के द्वारा मारपीट कर उनके विरुद्ध जबरन आवेदन लिखाने का आरोप लगाया गया. बताया जाता है कि विभाग के द्वारा मामले की जांच जिला पदाधिकारी बेगूसराय से करायी गयी.
क्या कहा गया जांच प्रतिवेदन में : जांच प्रतिवेदन में कहा गया कि अरविंद पासवान उप नगर आयुक्त के द्वारा लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन एंड इलेक्ट्रिकल वर्क्स द्वारा लगाये गये एलइडी लाइट व हाईमास्ट लाइट विपत्रों का भुगतान नहीं करने के कारण इस तरह की घटना हुई है. नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिसूचना द्वारा नगर आयुक्त बेगूसराय के पद पर हेमंतनाथ देव के नोटिफिकेशन के बाद लंबित बिलों के भुगतान के लिए प्रभारी नगर आयुक्त अरविंद पासवान पर दबाव बनाया गया.
उपर्युक्त निष्कर्ष के आलोक में जांच प्रतिवेदन में अनुशंसा की गयी कि राजीव रंजन उप मुख्य पार्षद से स्पष्टीकरण की मांग की जाये. वहीं नाजिर सह प्रधान सहायक एवं कनीय अभियंता को बिल, वाउचर,रोकड़पंजी जैसे दस्तावेजों को लेकर पटना बुलाने, तीन दिन पटना में ही रहकर विपत्र पारित कराने के लिए अरविंद पासवान प्रभारी नगर आयुक्त से भी स्पष्टीकरण की मांग के लिए अनुशंसा की गयी.
स्पष्टीकरण में क्या कहा उप महापौर व तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त :उपमहापौर राजीव रंजन ने स्पष्टीकरण में अपने ऊपर लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद एवं बनावटी बताया है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कभी भी लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन एंड इलेक्ट्रिक वर्क्स को एलईडी लाइट से संबंधित विपत्र पारित करने का दबाव नहीं बनाया गया है. वहीं अरविंद पासवान ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि 27.06.17 को विभाग में अंकेक्षण व उपयोगिता प्रमाणपत्रों के कार्यों के लिए रामचरित्र पासवान प्रधान सहायक एवं लेखापाल सह नाजिर को पटना बुलाया. नाजिर के साथ की गयी समीक्षा में मात्र अंकेक्षक व उपयोगिता प्रमाणपत्र पर ही चर्चा की गयी.
इसके बाद नाजिर अपने में कमरे में चले गये. इसके 10 मिनट बाद राजीव रंजन उप मुख्य पार्षद अन्य लोगों के साथ आये और लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन के एलईडी लाइट व हाईमास्ट लाइट के भुगतान के चेक पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाने लगे. हस्ताक्षर नहीं करने पर गाली-गलौज व धमकी दी गयी.स्पष्टीकरण व जांच प्रतिवेदन के बाद विभाग के द्वारा दोनों पर कार्रवाई के लिए अनुमोदन भेजा गया है.
एफआईआर नहीं हुई तो पूर्व मेयर करेंगे आंदोलन:इस पूरे मामले को लेकर बेगूसराय नगर निगम के पूर्व मेयर संजय सिंह ने कहा कि इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर अब अगर दोषी लोगों पर एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की गयी तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. पूर्व मेयर ने कहा कि इस मामले में मेयर व उपमेयर को इस्तीफा दे देना चाहिए. पूर्व मेयर ने कहा कि 22 माह के निगम के कार्यकाल में एक भी विकास का काम नहीं हो रहा है. पटना के होटल में जिस तरह का नाटक किया गया. आज उसी का नतीजा है कि दोषी लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए रास्ता साफ हो गया है.
क्या कहते हैं महापौर
नगर निगम को इस तरह की कोई सूचना नहीं है. पटना के होटल में जब चेक बुक लेकर गलत तरीके से बिना महापौर को जानकारी में दिये लाइट के विपत्र भुगतान करने की बात सामने आयी तो उप मेयर राजीव रंजन इसे रोकने के लिए पटना गये और इसका विरोध किया. उप मेयर के द्वारा इस बात की जानकारी बेगूसराय के जिला पदाधिकारी को भी दे दी गयी थी.
उपेंद्र प्रसाद सिंह,महापौर,बेगूसराय नगर निगम
क्या कहते हैं उप महापौर
पूर्व मेयर ,प्रभारी नगर आयुक्त एवं कंपनी की मिलीभगत से विपत्र का भुगतान चेक के माध्यम से किया जा रहा था. जिसका हमने पटना जाकर विरोध किया.
राजीव रंजन,उप महापौर,बेगूसराय नगर निगम

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