34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा: ‘हमलावर’ से बीजेपी उम्मीदवार तक

<p>तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली चुनाव में हरिनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है. देर रात पार्टी ने उनके नाम का ऐलान किया.</p><p>बीजेपी और अकाली दल के बीच इस पर विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि पार्टी द्वारा उनको टिकट देने के पीछे […]

<p>तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली चुनाव में हरिनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है. देर रात पार्टी ने उनके नाम का ऐलान किया.</p><p>बीजेपी और अकाली दल के बीच इस पर विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि पार्टी द्वारा उनको टिकट देने के पीछे ये बहुत बड़ी वजह है. </p><p>दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए आज आख़िरी तारीख़ है. आठ फरवरी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. </p><p>तेजिंदर बग्गा के नाम के ऐलान के साथ ही सुबह से ही #Bagga4HariNagar ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा था. </p><p>नामांकन पत्र दाखिल करने की जद्दोजहद के बीच तेजिंदर बग्गा ने बीबीसी से बातचीत की. </p><p><strong>ट्विटर </strong><strong>से विधायक के टिकट तक </strong></p><p>34 साल के तेजिंदर बग्गा के ट्विटर पर 6.4 लाख फॉलोअर हैं. जब बीजेपी दिल्ली की पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं आया तो भी ट्विटर पर उनके पक्ष में एक मुहिम सी दिखी थी.</p><p>उन्हें ट्रोल भी किया गया. तो क्या ट्विटर पर फ़ैन फॉलोइंग और ट्रोलिंग देख कर बग्गा को ये टिकट मिला? इस सवाल पर बग्गा ज़ोर से हंसे. </p><p>फिर जल्दी से चुनाव प्रत्याशी वाली गंभीरता लाते हुए उन्होंने कहा, &quot;एक बात बताइए, लोग आपसे जिस भाषा में बात करेंगे, आप भी तो उसी भाषा में बात करेंगे न? तो मैं भी वही करता हूं. फिर लोग मुझे ट्रोल कहते हैं. मुझे ऐसी बातों की कोई परवाह नहीं. मैं तो बस अपना काम करता हूं और करता रहूंगा.&quot;</p><p>ऐसा नहीं है कि बग्गा राजनीति में नए हैं. 2017 में पार्टी ने आधिकारिक तौर पर उन्हें दिल्ली बीजेपी का प्रवक्ता बनाया था. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51186201?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">केजरीवाल के ख़िलाफ़ बीजेपी ने किसे दिया टिकट?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51164163?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली चुनाव में किस चेहरे का कितना जादू चलेगा</a></li> </ul><h1>प्रशांत भूषण पर हमला</h1><p>लेकिन पहली बार बग्गा में चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने आम आदमी पार्टी के पुराने साथी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर हमला किया था.</p><p>प्रशांत भूषण के एक बयान पर उनको आपत्ति थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर में जनमत संग्रह होना चाहिए. </p><p>फ़िलहाल ये मामला कोर्ट में है लेकिन बग्गा के मुताबिक़ ये सवाल उनका पीछा ही नहीं छोड़ता. </p><p>इस मुद्दे पर उन्होंने ज़्यादा कुछ बोलने से इनकार करते हुए कहा, &quot;जो कोई देश को तोड़ने की बात करेगा तो उसका वही हाल होगा, जो प्रशांत भूषण का हुआ.&quot;</p><p>उनके मुताबिक़ किसी पर हमला करने की उनकी इस छवि का चुनाव में कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, &quot;कोई आपकी मां को कोई गाली देगा तो आप सुनती रहेंगी क्या? या इस बात का इंतज़ार करेंगी की इस पर कोई क़ानून बने?&quot;</p><p>प्रशांत भूषण पर हमले के अलावा भी कई बार बग्गा सुर्खियों में रहे हैं. साल 2014 में जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेन्द्र मोदी के लिए एक विवादस्पद बयान दिया था, तब बग्गा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए चाय की केतली लेकर चाय पिलाने पहुंचे थे. </p><p>इस तरह के आयोजनों के लिए वो अक्सर चर्चा में रहते हैं. कभी केजरीवाल के गुमशुदा होने के पोस्टर लगवाने की बात हो या फिर मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए रॉक परफार्मेंस की बात हो; नए तरीकों के साथ हेडलाइन में बने रहने का नायाब तरीक़ा वो खोज ही निकालते हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2011/10/111013_attacker_held_pp?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रशांत भूषण पर हमला करने वाले गिरफ़्तार</a></li> </ul> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2011/10/111012_reaction_pp_rn?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रशांत भूषण पर हमले की कड़ी निंदा</a></li> </ul><h1>राजनीति से नाता </h1><p>बग्गा अपने लिए तिलकनगर सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें हरिनगर सीट से टिकट दिया. पार्टी के इस फ़ैसले का वो स्वागत करते हैं. </p><p>&quot;मुझे हमेशा से देश के लिए कुछ करने का मन था. मैं चार साल की उम्र से संघ की शाखा में पिता के साथ जाता था. तब मैं दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहता था. 16 साल की उम्र में मैंने कांग्रेस सरकार की सीलिंग की मुहिम का विरोध किया था. 2002 में सीलिंग के विरोध में जेल भरो आंदोलन की शुरुआत भी की थी और तीन दिन तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी बंद रहा था. 23 साल की उम्र में बीजेपी की नेशनल यूथ टीम में आ गया था.&quot; </p><p>बीजेपी से जुड़ाव और अपने राजनीतिक सफ़र पर रोशनी डालते हुए तेजिंदर पाल सिंह बग्गा बोलते ही चले जाते हैं. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;सबसे पहले बीजेपी यूथ विंग में मैं मंडल से ज़िला और फिर स्टेट लेवल टीम में आया. हरिनगर विधानसभा सीट से टिकट मिलना बीस साल से राजनीति में पैर जमाने की कोशिशों का ही नतीजा है.&quot; </p><p>बग्गा के परिवार में चुनावी राजनीति में इससे पहले किसी ने हाथ नहीं आज़माया है. ऐसा करने वाले वो पहले शख्स़ हैं. उनके पिता साल 93-94 में संघ से जुड़े थे लेकिन बाद के सालों में उतने सक्रिय नहीं रहे. </p><p>लांस प्राइज़ की किताब है ‘दि मोदी इफ़ेक्ट: इनसाइड नरेन्द्र मोदी कैंपेन टू ट्रांसफॉर्म इंडिया.’ साल 2015 में आई इस किताब में नरेन्द्र मोदी ने भी अपना इंटरव्यू दिया है. </p><p>इस किताब में 2014 में नरेन्द्र मोदी की जीत के कारणों को टटोलने की कोशिश की गई है. </p><p>बीबीसी से बातचीत में बग्गा ने दावा किया, &quot;इस किताब को लिखने के लिए लेखक ने पीएमओ से दो नाम मांगे थे जिन्होंने उनके कैम्पेन में योगदान दिया. पीएमओ की तरफ से जिन दो लोगों के नाम लेखक को दिए गए उनमें से एक नाम था प्रशांत किशोर का और दूसरा नाम था मेरा. किताब में मेरे हवाले से चार-पांच पन्ने हैं.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51019108?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली: ‘आप’ की वापसी कितनी आसान, कितनी कठिन</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50969081?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली बीजेपी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन?</a></li> </ul><figure> <img alt="नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/310E/production/_110585521_34bfc8e4-708b-4875-9ff4-d9a30fb593cd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>हरिनगर सीट का समीकरण और अकाली दल का प्रभाव </h3><p>हरिनगर विधानसभा सीट पिछली बार अकाली दल को गई थी. लेकिन तेजिंदर पाल सिंह बग्गा कहते हैं, &quot;पिछली छह में से पांच बार इस सीट से बीजेपी के ही उम्मीदवार चुनाव लड़ा था. तो ये सीट परंपरागत तौर पर बीजेपी की ही सीट है.&quot;</p><p>पिछली दो बार से दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन रहता था, जो इस बार के चुनाव में टूट गया. क्या इस सीट पर गठबंधन टूटने का नुक़सान नहीं उठाना पड़ेगा? </p><p>इस पर बग्गा कहते हैं, &quot;इस बार अकाली दल चुनावी मैदान में नहीं है तो मुझे नहीं लगता की कोई असर पड़ेगा. बाक़ी सिरसा जी मेरे बड़े भाई जैसे हैं, पूरा सम्मान करता हूं और उनका आशीर्वाद लेने ज़रूर जाऊंगा.&quot;</p><p>2015 में हरिनगर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के जगदीप सिंह 25 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.</p><p>बग्गा की उम्मीदवारी पर जगदीप सिंह ने बीबीसी से कहा, &quot;ट्विटर पर फ़ॉलो करने वाले विधानसभा में जीत नहीं दिला सकते. वो हरिनगर में न तो रहते हैं और न ही उन्हें इस विधानसभा सीट का नक़्शा पता है. क्या वे बता सकते हैं कि हरिनगर में पद्म बस्ती कहां है? वहां के लोगों की दिक्कतों की तो बात ही छोड़ दीजिए.&quot;</p><p>लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने जगदीप को टिकट नहीं दिया है. वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में आप ने राजकुमारी ढिल्लों को उतारा है. कांग्रेस की तरफ़ से सुरेन्द्र सेतिया मैदान में हैं. </p><p>हरिनगर विधानसभा सीट में लगभग एक लाख 65 हज़ार वोटर हैं जिनमें सिख मतदाताओं की संख्या लगभग 45 हज़ार है.</p><h1>दिल्ली चुनाव में क्या होंगे मुद्दे </h1><p>बग्गा का कहना है कि वह पिछले पांच सालों में केजरीवाल सरकार की विफलताओं और केन्द्र में मोदी सरकार के कामकाज पर वोट मांगेंगे. </p><p>उनके मुताबिक़, &quot;केजरीवाल सरकार कहती है शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया है. लेकिन उन्होंने केवल स्कूल में कमरे बनावाए है. अगर 20000 कमरे भी बनावाए हैं तो उतने टीचर भी भरने चाहिए थे न? लेकिन आरटीआई में तो पता चला है कि टीचरों की संख्या कम हुई है. हम इसी सब पर अपने कैम्पेन में फ़ोकस करेंगे.&quot; </p><p>क्या अरविंद केजरीवाल के सामने नई दिल्ली से लड़ना उनके लिए ज़्यादा बेहतर होता? इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं, &quot;पार्टी का सेवक हूं, जहां से कहेंगे लड़ने के लिए तैयार हूं.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें